क्या मोटापे को कम करने के लिए फास्टिंग सही है? डाइटीशियन से जानिए

बढ़ता वजन एक गंभीर समस्या है क्योंकि इसकी वजह से शरीर कई तरह की बीमारियों की चपेट में आने लगता है। लोग वजन को नियंत्रित रखने के लिए कई तरीके अपनाते हैं, जिसमें फास्टिंग भी शामिल है। फास्टिंग सच में वजन को नियंत्रित करने में मददगार है या नहीं, इस बात को समझने के लिए हमने डाइटीशियन डॉक्टर हर्ष मिश्रा से बातचीत की, जिन्होंने हमें फास्टिंग और वजन नियंत्रित करने को लेकर कई बातें बताई। आइए जानें।
डॉ हर्ष को लगभग 11 साल से ज्यादा का डाइट और न्यूट्रीशन का अनुभव है और वह अपनी खुद की क्लीनिक चलाने के साथ-साथ कई राष्ट्रीय एसोसिएशन के डाइटीशियन के तौर पर मेंबर बने हुए हैं। उन्हें योग का भी ज्ञान है। इसके अतिरिक्त, डॉ हर्ष को साल 2019 में नेशनल न्यूट्रीशन अवार्ड (गेस्ट ऑफ ऑनर) मिला था। वहीं, 2020 और 2021 में भी उन्हें कई अवार्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है।
डॉ हर्ष ने बताया कि मोटापे से राहत दिलाने में फास्टिंग सहायक है, बस इसका तरीका सही होना चाहिए। उन्होंने कहा, "लोगों को फास्टिंग का सही मतलब नहीं पता। उन्हें लगता है कि भूखे रहकर वे मोटापे से जल्द राहत पा सकते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है क्योंकि इससे मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब हो सकता है, जिसके कारण कई पेट संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर होगा कि लोग फास्टिंग से पहले इसके बारे में जान लें।
इस बारे में डॉ हर्ष का कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि हर तरह की फास्टिंग डाइट हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद साबित हो, इसलिए हमेशा व्यक्ति को कोई भी फास्टिंग डाइट फॉलो करने से पहले डाइटीशियन की सलाह जरूर लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, "डाइटीशियन व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और आयु आदि के बारे में जानकर ऐसी फास्टिंग डाइट फॉलो करने की सलाह दे सकते हैं, जिससे व्यक्ति को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे।"
डॉ हर्ष के मुताबिक, अमूमन लोग फास्टिंग डाइट को फॉलो करते समय पानी के सेवन पर ध्यान नहीं देते, जो सबसे बड़ी गलती है। इसके अतिरिक्त, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स को नजरअंदाज करना, पर्याप्त प्रोटीन का सेवन न करना और फैट्स से दूरी बनाना आदि भी सबसे बड़ी गलतियां हैं। डॉ हर्ष कहते हैं, "इंटरनेट से किसी भी फास्टिंग डाइट के बारे में जानकर उसे फॉलो करना गलत है क्योंकि डाइट से जुड़ा अधूरा ज्ञान फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा सकता है।"
डॉ हर्ष ने कहा कि बात चाहे वजन नियंत्रित करने वाली डाइट की हो या फिर सामान्य डाइट की, उसमें प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन-D, विटामिन-C, जिंक और कैरोटीनॉयड आदि पोषक तत्वों की सीमित मात्रा का होना बहुत जरूी है। वहीं, बात अगर डाइट में शामिल न करने वाले तत्वों की करें तो सैचुरेटेड फैट्स, हाई कार्बोहाइड्रेट और हाई कैलोरी आदि से युक्त चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
डॉ हर्ष ने बताया कि यह बात सच है कि गलत खान-पान मोटापे का मुख्य कारण है, लेकिन इसके अलावा कुछ बीमारियां भी इसकी जिम्मेदार हो सकती हैं। उदाहरण के लिए हार्मोन्स का असंतुलन, इंसुलिन में बदलाव, तनाव, मेनोपॉज और थाइराइड आदि बीमारियों के कारण शरीर मोटापे की चपेट में आ सकता है। वहीं, महिलाओं में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन्स की कम मात्रा भी मोटापे का कारण बन सकती है क्योंकि ये हार्मोन्स नेचुरल फैट बर्नर होते हैं।
डॉ हर्ष का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण वजन के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसका मुख्य कारण यह है कि कोरोना शरीर के मुख्य अंगों में सूजन पैदा करता है और इसमें पाचन क्रिया और आंतें भी शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप वजन के बढ़ने की संभावना बढ़ सकती है। वहीं, कोरोना के कारण व्यक्ति का मेटाबॉलिक रेट भी प्रभावित होने लगता है, जिसके कारण वजन बढ़ने लगता है।
इस बारे में डॉ हर्ष का कहना है कि अभी तक कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर जितनी भी रिसर्च हुई हैं, उनमें ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है। इसलिए यह कहना गलत होगा कि कोरोना वैक्सीन से वजन बढ़ सकता है।
डॉ हर्ष के मुताबिक, सर्दियों के दौरान लोगों की शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है क्योंकि ठंड के कारण लोग बिस्तर पर आराम करना ज्यादा पंसद करते हैं और इसके साथ तली हुई चीजों का सेवन करने लगते हैं, जिसके कारण उनके वजन में इजाफा होने लगता है। इससे बचने का तरीका यही है कि लोग अपने रूटीन में कुछ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज को शामिल करें और तली चीजों की बजाय स्वास्थ्यवर्धक चीजों और पर्याप्त पानी का सेवन करें।
डॉ हर्ष का कहना है कि बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए घरेलू नुस्खों को अपनाया जा सकता है। जैसे बिना चीनी वाला नींबू पानी या फिर गर्म पानी का सेवन करना। हालांकि, कोई भी घरेलू नुस्खा अपनाने से पहले डाइटीशियन की सलाह लें।
डॉ हर्ष का कहना है कि डाइट में आटे का चोकर, साबुत अनाज, सोयाबीन, मौसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, मशरूम, गाजर, टमाटर, खाने वाले बीज और कम वसा युक्त दुग्ध उत्पादों आदि को शामिल करें क्योंकि जरूरी पोषक तत्व से भरपूर ये खाद्य पदार्थ वजन को नियंत्रित रखने के साथ-साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद हैं। इसी के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन और ग्रीन टी, नारियल पानी और नींबू पानी जैसे स्वास्थ्यवर्धक पेय पदार्थों का सेवन करें।
डॉ हर्ष ने बताया कि कई ऐसी चीजें हैं, जिनका सेवन वजन को बढ़ाने का कारण बन सकते हैं। बेहतर होगा कि लोग अधिक नमक युक्त भोजन का सेवन न करें, वसा युक्त दुग्ध उत्पादों से दूर बना लें, अधिक तला और मसालेदार चीजें न खाएं, सैचुरेटेड फैट और हाड्रोजेनेटेड फैट युक्त सामग्रियों का इस्तेमाल न करें। इसी के साथ कार्बोनेटेड और अधिक मीठे पेय पदार्थ के साथ-साथ अल्कोहल के सेवन से भी दूर रहें।
डॉ हर्ष के अनुसार, "बढ़ते वजन को नियंत्रित करने वाले लोग अगर रोजाना 45 मिनट की ब्रिस्क वॉक कर लेते हैं तो यह उनके लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है क्योंकि इसका मेटाबॉलिज्म पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, स्वीमिंग, साइकलिंग और ट्रेडमिल पर चलना आदि एक्सरसाइज को भी वर्कआउट रूटीन में शामिल किया जा सकता है।" योगासनों के तौर पर सूर्य नमस्कार, धुनरासन, भुजंगासन, बालासन, बद्धकोणासन, भुजपीडासन और पिण्डासन आदि का अभ्यास करना फायदेमंद है।
डॉ हर्ष ने बताया, "अममून मेरे पास ऐसे लोग आ रहे हैं, जो लोगों की देखादेखी और इंटरनेट आदि से डाइट की अधूरी जानकारी के साथ अपनी डाइट में बदलाव करना शुरू कर देते हैं, जो कि गलत है। इस तरह से डाइट का स्वास्थ्य पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेहतर होगा कि लोग डाइटीशियन की सलाह अनुसार अपनी डाइट में बदलाव करें।" इसके अतिरिक्त, बिना डाइटीशियन की सलाह के वजन घटाने वाली दवाएं लेना भी गलत है।