हार्मोन असंतुलन की दिक्कत है तो नियमित तौर पर करें ये योगासन
जब हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है तो कई तरह की शारीरिक समस्याएं शुरू होने लगती हैं, जैसे बालों का झड़ना, अचानक से वजन में उतार-चढ़ाव और मूड़ स्विंग होना आदि। साफ शब्दों में कहे तो हार्मोन में होने वाले छोटे बदलाव आपके पूरे शरीर पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए अगर आपको हार्मोन असंतुलन की समस्या है तो इसे ठीक करने के लिए कुछ योगासनों का रोजाना अभ्यास लाभकारी हो सकता है।
भुजंगासन
भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं, फिर अपने हाथों पर दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके उठाने की कोशिश करें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीर-धीरे इस योगासन को छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं। अगर आप रोजाना इसका अभ्यास करते हैं तो हार्मोन संतुलन कायम रह सकता है।
शीर्षासन
इसके अभ्यास के लिए सबसे पहले योग मैट पर सामान्य तरीके से बैठ जाएं, फिर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा लें और सामने की तरफ झुकते हुए उंगलियों पर अपना सिर रखें। अब पैरों को ऊपर ले जाएं और उन्हें सीधा करके यानी सिर के बल खड़ा होने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में रहें और फिर घुटनों को मोड़ते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। इसके रोजाना अभ्यास से जल्द आपकी समस्या का निवारण होगा।
सर्वांगासन
सर्वांगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योग मैट पर पीठ के बल सीधे होकर लेट जाएं और दोनों हाथों को जमीन पर रखकर सांस लेते हुए पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। अब हाथों से कमर को सपोर्ट देते हुए पैरों को 90 डिग्री या 120 डिग्री तक घूमा लें, फिर हाथों को उठाकर कमर के पीछे लगाएं और पैरों को मिलाकर सीधा करें। कुछ देर इस अवस्था में रहकर धीरे-धीरे आसन छोड़ दें।
उष्ट्रासन
इसके अभ्यास के लिए सबसे पहले योग मैट पर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं, फिर घुटनों के बल खड़े हो जाएं और सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें। इसके बाद दायीं हथेली को दायीं एड़ी पर और बायीं हथेली को बायीं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस अवस्था में कुछ मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे आसन को छोड़े। नियमित तौर पर इस आसन का अभ्यास करने से हार्मोन संतुलन बरकरार रहता है।