क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग और कैसे इससे कम समय में घटा सकते हैं वजन?
आजकल पूरी दुनिया में कई लोग बढ़ते वजन की समस्या से परेशान हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय अपना रहे हैं क्योंकि यह समस्या कई घातक बीमारियों का कारण बन सकती है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए व्यायाम, डाइटिंग के अलावा इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प भी अजमाके देखा जाएं। आइए जानें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है और इससे कैसे कम समय में वजन घटाया जा सकता है।
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग और कैसे करती है काम?
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने के लिए किए जाने वाले उपवास का एक तरीका है। यह डाइट से अलग खाने का एक पैटर्न है, जिसके तहत व्यक्ति अपनी सुविधानुसार एक निर्धारित समय का चुनाव कर यह फास्टिंग शुरू कर सकता है। बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद है क्योंकि यह वजन कम करने के साथ-साथ अन्य कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने का काम कर सकती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार
वैसे तो इंटरमिटेंट फास्टिंग के कम से कम 10 प्रकार हैं, जिसमें से सबसे चर्चित और वजन कम करने में कारगर दो प्रकार हैं। जिनको 16:8 इंटरमिटेंट फास्टिंग और हर दूसरे दिन उपवास के नाम से जाने जाते हैं।
इन्ह तरीकों को फॉलो कैसे करें?
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग: इसके अंतर्गत व्यक्ति को 16 घंटे तक उपवास रखना और 8 घंटे का समय खाने के लिए सुनिश्चित करना होता है। उदाहरण के लिए, अगर व्यक्ति सुबह 9 बजे नाश्ता करता है, तो वह अपना आखिरी भोजन शाम के 5 बजे करेगा। हर दूसरे दिन का उपवास: इसमें हफ्ते के हर दूसरे दिन उपवास रखा जाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई सोमवार को भोजन कर रहा है तो वो मंगलवार को उपवास रख सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग किन खाद्य पदार्थों का सेवन है बेहतर?
1) इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हाई फाइबर युक्त आहार (साबुत फल, अनाज और सब्जियां) का सेवन किया जा सकता है। 2) नाश्ते में फलों और उनके जूस के साथ व्यक्ति अपनी पसंद के पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकता है। 3) इंटरमिटेंट फास्टिंग में 500 KCL से अधिक कैलोरी वाली चीजों को नहीं खाना चाहिए। 4) साथ ही इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें, जिससे शरीर हमेशा हाइड्रेट रहें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ हद तक कारगर हो सकती है। नेशनल सेंटर फॉर बॉयोटेकनोलॉजी इनफॉरमेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, इंटरमिटेंट फास्टिंग सामान्य वजन, अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों के बीच अल्पकालिक वजन घटाने में प्रभावी साबित हो सकती है। इसके अलावा, यह हृदय को स्वस्थ रखने, हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने, कैंसर से बचाव और मस्तिष्क का विकास करने में भी मदद कर सकती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग से हो सकते हैं नुकसान
1) जब कोई व्यक्ति इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करता है तो उसका शरीर अलग तरह से काम करने लगता है, जिससे उसको कमजोरी या सिरदर्द की समस्या हो सकती है। 2) उपवास की वजह से चिड़चिड़ाहट या मूड स्विंग हो सकता है। 3) खाने की इच्छा और ज्यादा बढ़ सकती है। 4) साथ ही चक्कर आने की परेशानी हो सकती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान और बाद इन बातों का रखें विशेष ध्यान
1) जो लोग पहली बार उपवास रख रहे हैं, वो सबसे पहले किसी डॉक्टर की सलाह लें। 2) शुरुआत में उपवास की समय अवधि कम रखें। 3) ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें। 4) उपवास के दौरान हल्के-फुल्के व्यायाम करना सुनिश्चित करें। 5) इंटरमिटेंट फास्टिंग खत्म करने के लिए हल्की डाइट लें। 6) किसी को अगर स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है तो वह इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें। 7) जंक फूड्स के सेवन से बचें।