#NewsBytesExclusive: इस कारण प्रज्ञान ओझा ने लिया संन्यास, रोहित को बताया बेहतर कप्तान
बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ प्रज्ञान ओझा ने शुक्रवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। भारत के लिए अपने आखिरी टेस्ट में 10 विकेट लेने वाले ओझा ने नवंबर, 2013 में आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला खेला था। एक समय भारतीय टेस्ट टीम के नियमित सदस्य रहे ओझा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में पर्पल कैप हासिल करने वाले पहले स्पिनर हैं। संन्यास लेने के बाद ओझा ने हमसे अपने करियर में उतार-चढाव से लेकर भविष्य पर खुलकर बातचीत की।
इस कारण प्रज्ञान ओझा ने लिया क्रिकेट संन्यास
सिर्फ 33 साल की उम्र में क्रिकेट छोड़ने के सवाल पर ओझा ने कहा कि उनका खेल आगे नहीं बढ़ रहा था। इसलिए उन्होंने युवाओं को मौका देने के लिए यह बड़ा फैसला लिया। उन्होंने कहा, "मैंने 2013 में भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला। इसके बाद मैंने अगले पांच साल घरेलू क्रिकेट खेला। इस दौरान खेल में कई बदलाव हुए, लेकिन मेरा खेल रुक गया था। मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से कोई युवा पीछे रह जाए।"
हर चीज हमारे कंट्रोल में नहीं होती- ओझा
अपने आखिरी टेस्ट की दोनों पारियों में पांच-पांच विकेट और 'मैन ऑफ द मैच' बनने के बावजूद ओझा को दोबारा भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "हर चीज हमारे कंट्रोल में नहीं होती है। मैं शुक्रगुज़ार हूं कि मुझे अपने देश के लिए खेलने का मौका मिला। मुझे जितने भी मौके मिले, उसमें मैंने अच्छा प्रदर्शन किया। मैं कह सकता हूं कि मैंने हर मैच में अपना 100% एफर्ट दिया।"
2014 में प्रज्ञान ओझा के एक्शन पर उठे थे सवाल
2014 में ओझा के एक्शन पर सवाल उठे थे। ऐसे में यह पूछने पर कि क्या इसी कारण उनके इंटरनेशनल क्रिकेट पर ब्रेक लग गया? इस बारे में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इस कारण कोई भी प्रभाव पड़ा। क्योंकि इसके बाद मैंने पांच साल घरेलू क्रिकेट खेला और वापसी वाले मैच में मैंने चार विकेट भी झटके। इसके बाद मैं इंडिया-ए के लिए ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ हाईएस्ट विकेट टेकर भी रहा। इसलिए ऐसा कुछ नहीं है।"
मैंने सिर्फ 22 दिनों में कमबैक किया- ओझा
अपने संदिग्ध एक्शन को ओझा ने सिर्फ एक टेक्निकल एरर बताया। उन्होंने कहा, "कई बार गेंदबाज़ और बल्लेबाज़ दोनों में कुछ बैड हैबिट आ जाती है। यह बिल्कुल वैसा ही था। मैंने सिर्फ 22 दिनों में कमबैक किया, क्योंकि वह कोई बड़ी समस्या नहीं थी।" उन्होंने आगे कहा, "अगर वो कोई बड़ी समस्या होती तो मैं कभी क्रिकेट न खेल पाता। जिस तरह पाकिस्तान के सईद अजमल संदिग्ध एक्शन के बाद कभी घरेलू क्रिकेट तक नहीं खेल पाए।"
ये रहे ओझा के क्रिकेटिंग करियर के बेस्ट मोमेंट
ओझा ने कहा कि सचिन तेंदुलकर से टेस्ट कैप लेना उनके करियर का बेस्ट मोमेंट रहा। उन्होंने कहा, "सचिन तेंदुलकर से टेस्ट कैप लेना और देश के लिए 100 टेस्ट विकेट लेना उनके करियर के स्पेशल मोमेंट रहे।" वहीं, IPL के अपने बेस्ट मोमेंट के बारे में बात करते हुए ओझा ने कहा, "IPL में पर्पल कैप जीतने वाला पहला स्पिनर बनना और तीन बार IPL का खिताब जीतना मेरे लिए काफी स्पेशल रहा।"
"विश्व कप टीम में अंबाती रायडू को जगह न मिलना मेरे लिए सरप्राइज़िंग था"
अंबाती रायडू के बारे में बात करते हुए ओझा ने कहा कि मोहम्मद अजहरुद्दीन और वेंकटपति राजू के बाद हैदराबाद का कोई भी क्रिकेटर वर्ल्ड कप नहीं खेला है। जब रायडू को विश्व कप टीम में शामिल नहीं किया गया, तो उन्हें इसके पीछे का कारण समझ नहीं आया था। उन्होंने कहा, "आप सब की तरह मैं भी सरप्राइज़ था। मुझे समझ ही नहीं आया कि आखिर रायडू को क्यों विश्व कप टीम में शामिल नहीं किया गया।"
कोच विजय पॉल सर का रहा अहम योगदान- ओझा
ओझा ने बताया कि उनके बचपन के कोच स्वर्गीय विजय पॉल ने ही उनकी प्रतिभा को पहचाना था। उनके क्रिकेटिंग करियर में विजय पॉल का अहम योगदान रहा। उन्होंने आगे कहा, "मेरे माता-पिता, पत्नी, भाई और मेरे दोस्तों ने भी कदम-कदम पर मेरा साथ दिया। इन सभी के योगदान के कारण ही आज मैं यहां तक पहुंच सका। मैं अपने आप को लकी मानता हूं कि मुझे इतना अच्छा सपोर्ट सिस्टम मिला।"
"लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है मौजूदा भारतीय स्पिन अटैक"
मौजूदा भारतीय स्पिन अटैक के बारे में बात करते हुए ओझा ने कहा, "वर्तमान भारतीय स्पिन अटैक लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। मुझे लगता है कि इसमें बहुत कुछ ज्यादा निर्णय लेने की ज़रूरत नहीं है। उनपर विश्वास करने की ज़रूरत है।"
इस दिग्गज खिलाड़ी को अपना रोल मॉडल मानते हैं ओझा
क्रिकेट में रोल मॉडल के सवाल पर ओझा ने कहा, "मैं बचपन से वेंकटपति राजू को फॉलो करता था। मैं हमेशा से उनकी तरह गेंदबाज़ी करना चाहता था। इसके अलावा वीवीएस लक्ष्मण भी मेरे रोल मॉडल रहे हैं और मैं उन्हें अपने बड़े भाई की तरह मानता हूं।" गौरतलब है कि 1990 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने वाले बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ वेंकटपति राजू के नाम 28 टेस्ट में 93 और 53 वनडे में 63 विकेट हैं।
नाथन ल्योन हैं मौजूदा वक्त के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर- ओझा
मौजूदा वक्त के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर के बारे में पूछने पर ओझा ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया के नाथन ल्योन टेस्ट क्रिकेट में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं। क्योंकि ल्योन जितनी भी विकेटों पर खेलते हैं, वो स्पिनर्स के लिए मददगार नहीं होती हैं।"
रोहित शर्मा को ओझा ने बताया शानदार कप्तान
सर्वश्रेष्ठ कप्तान के बारे में बात करते हुए ओझा ने कहा, "सबसे पहले मैं अपने पहले कप्तान एमएस धोनी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे भारत के लिए खेलने का मौका दिया।" आगे उन्होंने कहा, "मैं IPL में रोहित शर्मा की कप्तानी में खेला हूं, वह एक शानदार कप्तान हैं। रोहित अपने गेंदबाज़ों को काफी बैक करते हैं। इसके साथ ही अपने गेंदबाज़ों पर पूरा विश्वास भी दिखाते हैं।"
IPL 2020 में कमेंट्री कर सकते हैं प्रज्ञान ओझा
रिटायरमेंट के बाद के प्लान के बारे में बात करते हुए ओझा ने कहा, "फिलहाल मैं कमेंट्री में जाना चाहता हूं और अभी इसी पर फोकस कर रहा हूं।" वहीं कोचिंग के बारे में इस अनुभवी स्पिनर ने कहा, "मुझे लगता है कि कोचिंग के लिए मुझे मानसिक तौर पर और तैयार होना है। क्योंकि कोचिंग एक ऐसी चीज़ है, जिसमें किसी और का करियर आपके हाथ में होता है। इसलिए अभी मैं इसमें नहीं जाऊंगा।"
ऐसा रहा है प्रज्ञान ओझा का इंटरनेशनल करियर
05 सितंबर, 1986 को उड़ीसा में जन्में ओझा ने भारत के लिए 24 टेस्ट में 113 और 18 वनडे में 21 विकेट लिए हैं। इसके साथ ही छह फीट लंबे इस स्पिनर्स के नाम छह टी-20 इंटरनेशनल मैचों में 10 विकेट भी हैं।