लोगों को हैं इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़े ये भ्रम, जानिए इनकी सच्चाई
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन नियंत्रित करने के लिए किए जाने वाले उपवास का एक तरीका है। यह डाइट से अलग खाने का एक पैटर्न है, जिसके तहत व्यक्ति अपनी सुविधानुसार एक निर्धारित समय का चुनाव कर यह फास्टिंग शुरू कर सकता है। हालांकि, कई लोगों के मन में इंटरमिटेंट फास्टिंग से जुड़े कुछ ऐसे भ्रम हैं, जिन्हें वे सच मानते हैं, जबकि उनकी सच्चाई कुछ और ही है। आइए आज हम आपको ऐसे ही कुछ भ्रम और उनकी सच्चाई बताते हैं।
भ्रम- कोई भी इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प चुन सकता है
बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि कोई भी इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प चुन सकता है, जबकि यह पूरी तरह से एक भ्रम है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को चुनना सही नहीं है क्योंकि शिशु के पर्याप्त विकास के लिए उन्हें नियमित रूप से उचित मात्रा में कैलोरी की आवश्यकता होती है, जो कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से नहीं मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, बच्चों के लिए भी इंटरमिटेंट फास्टिंग सही नहीं है।
भ्रम- इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब ब्रेकफास्ट न करना होता है
शायद यह सबसे आम भ्रम है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब ब्रेकफास्ट न करना होता है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है। इंटरमिटेंट फास्टिंग का मतलब अपने ब्रेकफास्ट को छोड़ना नहीं है बल्कि इसका अर्थ एक निश्चित समय अंतराल पर भोजन करना है। बता दें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई प्रकार हैं, जिन्हें अपनाते हुए ब्रेकफास्ट छोड़ना जरूरी नहीं है। इसलिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान ब्रेकफास्ट न करना गलत है।
भ्रम- इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने का एक जादुई तरीका है
अगर आप इस बात को सच मानते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने का एक जादुई तरीका है तो आपको बता दें कि यह सिर्फ आपका भ्रम है। भले ही इंटरमिटेंट फास्टिंग की मदद से वजन नियंत्रित हो सकता है, लेकिन यह तभी मुमकिन है, जब आप इसका सही तरह से पालन करें। अगर आपको इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अधिक कैलोरी युक्त चीजों का सेवन करते हैं तो आपको वजन नियंत्रित करने में मुश्किल आ सकती है।
भ्रम- इंटरमिटेंट फास्टिंग से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है
यह धारणा भी बिल्कुल भी सही नहीं है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के भी कुछ नकारात्मक प्रभाव हैं। इससे लो ब्लड शुगर यानी निम्न रक्तचाप की समस्या उत्पन्न हो सकती है। वहीं, इंटरमिटेंट फास्टिंग निर्जलीकरण की समस्या, थकान और ऊर्जा के स्तर में कमी आदि का कारण बन सकती है। इसके अतिरिक्त, फास्टिंग के इस तरीके से पेट संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।