NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / एक्सक्लूसिव खबरें / #NewsBytesExclusive: गौसेवा है समाज में बढ़ती खाई को खत्म करने का माध्यम- पद्मश्री मुन्ना मास्टर
    अगली खबर
    #NewsBytesExclusive: गौसेवा है समाज में बढ़ती खाई को खत्म करने का माध्यम- पद्मश्री मुन्ना मास्टर

    #NewsBytesExclusive: गौसेवा है समाज में बढ़ती खाई को खत्म करने का माध्यम- पद्मश्री मुन्ना मास्टर

    लेखन मुकुल तोमर
    Feb 17, 2020
    04:38 pm

    क्या है खबर?

    इस साल जिन लोगों को पद्मश्री से सम्मानित किया जायेगा, उनमें राजस्थान में जयपुर के पास बगरू के रहने वाले भजन गायक मुन्ना मास्टर का नाम भी शामिल है।

    मुन्ना को ये सम्मान गौसेवा पर उनके सामाजिक कार्यों के लिए दिया जायेगा।

    मुन्ना, डॉ फिरोज के पिता हैं जिन्हें बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के संस्कृत विभाग में नियुक्ति पर विरोध का सामना करना पड़ा था।

    हमने मुन्ना मास्टर से खास बातचीत की। इसमें उन्होंने क्या-क्या कहा, आइए जानें।

    नाम

    मुन्ना मास्टर के दूसरे नाम रमजान के पीछे की दिलचस्प कहानी

    मुन्ना मास्टर का एक नाम रमजान भी है और ये नाम पड़ने के पीछे उन्होंने हमे एक दिलचस्प कहानी बताई।

    दरअसल, उनके माता-पिता ने उन्हें मुन्ना नाम ही दिया था, लेकिन जब नौ-दस साल की उम्र में मुन्ना के पिता उनका दाखिला कराने उन्हें राजकीय संस्कृत विद्यालय लेकर गए तो शिक्षक ने मुन्ना की जगह और कोई नाम रखने को कहा।

    चूंकि उनका जन्म रोजों के दौरान हुआ था, इसलिए स्कूल में उनका नाम रमजान लिख दिया गया।

    जानकारी

    सारे दस्तावेजों पर मुन्ना मास्टर नाम

    पूरे इलाके में लोग उन्हें मुन्ना मास्टर के नाम से ही जानते हैं और आधार कार्ड से लेकर वोटर कार्ड तक, सारे दस्तावेजों पर भी उनका नाम मुन्ना मास्टर है। उन्हें पद्मश्री भी मुन्ना मास्टर के नाम से मिला है।

    बचपन

    पिता की उंगली पकड़ कर जाते थे मंदिर

    अपने शुरूआती जीवन के बारे में बताते हुए मुन्ना मास्टर ने कहा कि उनके पिताजी एक अच्छे भजन गायक थे और उन्हें संगीत के साथ-साथ साहित्य का भी ज्ञान था। वे जब भी मंदिरों के उत्सव में जाते तो मुन्ना को भी उंगली पकड़कर अपने साथ ले जाते। यहीं से मुन्ना में गायकी और संगीत की समझ पैदा हुई।

    उन्होंने बताया कि उनके पिता उन्हें एक-दो घंटे सत्यवादी हरिश्चंद्र और श्रवण कुमार जैसी भारतीय संस्कृति की कहानियां सुनाते थे।

    बयान

    "माता-पिता से मिले सारे संस्कार"

    मुन्ना का कहना है कि उनके पिता ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया और जिस परिवेश में आज वो जीवन जी रहे हैं, उसके संस्कार उन्हें अपने माता-पिता से ही मिले थे। वर्णमाला, पहाड़े और गिनती आदि का ज्ञान भी उन्हें पिता से मिला।

    विरोध

    बच्चों को संस्कृत पढ़ाने के लिए करना पड़ा था विरोध का सामना

    अपने घर का खर्च चलाने के लिए मजदूरी और छपाई का कार्य कर चुके मुन्ना कहते हैं कि किसी भगवान की तस्वीर लगाना बुरी बात नहीं है और अगर कोई पूजा-पाठ कर लेता है तो इस्लाम से खारिज नहीं हो जाता।

    अपने बच्चों को संस्कृत की शिक्षा देने के लिए उन्हें अपने रिश्तेदारों की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा था। इस पर उन्होंने कहा कि कभी किसी ने उनके सामने कुछ नहीं कहा, लेकिन पीठ पीछे कहते थे।

    सम्मान पर प्रतिक्रिया

    पद्मश्री सम्मान पर बोले मुन्ना- केवल कर्म करने पर विश्वास

    पद्मश्री सम्मान से नवाजे जाने पर मुन्ना ने कहा कि वे केवल कर्म में विश्वास रखते हैं और अगर कोई व्यक्ति कर्म करेगा तो उसे इसका फल जरूर मिलेगा।

    उन्होंने कहा, "मैंने निस्वार्थ भाव से गायों की सेवा की है। ये एक अच्छा काम है। ये एक मूक और लावारिस प्राणी है और चारा-पानी के बिना इनके प्राण निकले इससे अच्छा है कि हम सब मिलकर इनकी सेवा में लगा जाएं ताकि गाय का जीवन सुखमय व्यतीत हो।"

    गायों की दुर्दशा

    गायों की दुर्दशा पर ये बोले मुन्ना

    मुन्ना ने कहा कि पहले ऐसा परिवेश और वातावरण था कि गौसेवा करने के लिए हर घर में एक-दो गाय पाली जाती थीं, लेकिन आजकल ऐसा देखने को नहीं मिलता।

    उन्होंने कहा, "पहले गायों के मालिक हुआ करते थे, लेकिन आज ये लावारिस हो चुकी हैं। चारा-पानी के बिना प्राण त्याग रही हैं। जब एक भूखी गाय मंदिर के पास जाकर खड़ी होती है तो उसे वहां से भगा देते हैं और उसे पत्तल-डोने खाने पर मजबूर होना पड़ता है।"

    गौहत्या

    "एक भी गाय कटती है तो भारत राष्ट्र के लिए लज्जाजनक"

    गौहत्या को एक बड़ा पाप और देश के लिए बड़े शर्म का विषय बताते हुए मुन्ना ने कहा कि भारत देश की मुख्य शक्ति और रीढ़ गोवंश है और अगर ये कटने जाता है तो ये हर नागरिक के लिए दुर्भाग्य की बात है।

    उन्होंने कहा, "अगर एक भी गाय कटने जाती है तो ये भारत राष्ट्र के लिए लज्जाजनक है। ये बहुत बड़ा पाप है। ये कटने के लिए जाती हैं तो आशीर्वाद की जगह श्राप मिलता है।"

    बयान

    गौरक्षा के नाम पर हुड़दंग करने वाले अपवाद- मुन्ना

    मुन्ना ने कहा कि इन्हीं परिस्थितियों के कारण लोग गौरक्षा और गौसेवा से जुड़ते हैं। गौरक्षा के नाम पर हुड़दंग करने वालों पर उन्होंने कहा कि ऐसे लोग मात्र अपवाद होते हैं और बाकी लोग निस्वार्थ भाव से गाय की सेवा करते हैं।

    दिनचर्या

    कुछ ऐसी रहती है मुन्ना मास्टर की दिनचर्या

    मुन्ना प्रातःकाल भ्रमण करने के बाद सबसे पहले गौशाला जाते हैं और वहां की सारी व्यवस्था देखते हैं। भजन का कार्यक्रम आमतौर पर शाम को एक-दो घंटे के लिए होता है, लेकिन कई बार दिन में भी भजन कार्यक्रम होता है।

    वे 'श्री श्याम सुरभि वंदना' नाम से भजनों की एक किताब भी लिख चुके हैं जिसमें भगवान श्रीकृष्ण, शिव, हनुमान, श्री राम और सावन के झूलों आदि पर भजन हैं।

    विवाद

    बेटे की नियुक्ति के विरोध को बताया सैद्धांतिक तौर पर गलत

    BHU में उनके बेटे फिरोज की संस्कृत के प्रोेफेसर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन पर मुन्ना ने कहा कि ये विरोध सैद्धांतिक तौर पर गलत था।

    उन्होंने कहा, "फिरोज की नियुक्ति लौकिक संस्कृत पढ़ाने के लिए हुई थी। लेकिन उन्होंने इसे वेदों और वैदिक संस्कृत से जोड़ दिया और कहा कि एक मुस्लिम इसे कैसे पढ़ाएगा। उसके कोर्स का वैदिक संस्कृत से कुछ लेना-देना नहीं जिसमें यज्ञ या अनुष्ठान काराया जाता है।"

    संदेश

    समाज को दिया ये संदेश

    समाज में बढ़ती असहनशीलता पर मुन्ना ने कहा, "आज कोई मंदिर तो कोई मस्जिद से नफरत कर रहा है। इस बढ़ती खाई को खत्म करने के लिए एक ऐसे मंच की जरूरत है जो सेतु का कार्य करे। गौशाला न मंदिर है, न मस्जिद है। गाय सबको दूध देती है। गौशाला को एक ऐसा माध्यम बना दिया जाए जहां हर धर्म का आदमी आए और गाय की सेवा करे। जब लोग एक-दूसरे के साथ बैठेंगे तो सारे भ्रम दूर होंगे।"

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    जयपुर
    बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)

    ताज़ा खबरें

    'भूल चूक माफ' से लेकर 'केसरी वीर' तक, इस सप्ताह सिनेमाघरों में रिलीज होंगी ये फिल्में  राजकुमार राव
    IPL 2025: एडेन मार्करम ने SRH के खिलाफ जड़ा पहला अर्धशतक, जानिए उनके आंकड़े इंडियन प्रीमियर लीग
    हर्षल पटेल सबसे तेज 150 IPL विकेट लेने वाले गेंदबाज बने, जानिए उनके आंकड़े हर्षल पटेल
    IPL 2025: मिचेल मार्श ने इस सीजन में अपना 5वां अर्धशतक लगाया, जानिए आंकड़े मिचेल मार्श

    जयपुर

    कहीं गणतंत्र दिवस परेड तो कहीं लिटरेचर फ़ेस्टिवल, जनवरी महीने में इन जगहों पर जरूर घूमें छत्तीसगढ़
    जयपुर जेल में बंद पाकिस्तानी कैदी की हत्या पाकिस्तान समाचार
    राजस्थान: भारत-पाकिस्तान सीमा के पास से गिरफ्तार किया गया संदिग्ध पाकिस्तानी जासूस भारत की खबरें
    प्रधानमंत्री मोदी को मारने के लिए फेसबुक पर कॉन्ट्रैक्ट की मांग कर रहा युवक गिरफ्तार हरियाणा

    बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)

    BHU Admission 2019: अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट प्रवेश परीक्षा के लिए शुरू हुए आवेदन, जानें शिक्षा
    BHU में यौन शोषण के दोषी प्रोफेसर को किया गया बहाल, धरने पर बैठी छात्राएं ओडिशा
    BHU: छात्रों के विरोध के बीच यूनिवर्सिटी छोड़ घर लौटे फिरोज खान मुस्लिम
    मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति पर विवाद के बीच वापस खोला गया BHU का संस्कृत विभाग जयपुर
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025