किन बीमारियों का इलाज है फिजियोथेरेपी? विशेषज्ञ से जानिए इससे जुड़ी जरूरी बातें
सदियों से भारत में कई समस्याओं के उपचार के तौर पर मसाज और व्यायाम को महत्व दिया जाता रहा है और फिजियोथेरेपी इन्हीं तरीकों का मिला-जुला रूप है। अगर आप दवा और ऑपरेशन जैसे उपचार की बजाय फिजियोथेरेपी को चुनते हैं तो यकीनन यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हमने हाल ही में फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर राजीव खींची से बात की, जिन्होंने हमें फिजियोथेरेपी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई। आइए जानें।
डॉ राजीव खींची का अनुभव
डॉ राजीव को 10 साल से ज्यादा फिजियोथेरेपी में अनुभव है और वह अपनी खुद की क्लीनिक चलाने के साथ-साथ राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के लिए फिजियोथेरेपिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्हें न्यूट्रीशियन और योग का भी ज्ञान है।
फिजियोथरेपी क्या है?
डॉ राजीव ने सबसे पहले हमें बताया कि फिजियोथेरेपी एक चिकित्सा विज्ञान है, जिसके दौरान चोट, शारीरिक दर्द और बीमारियों के इलाज के लिए मसाज, व्यायाम और खास तरह की मशीन आदि का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, सिर्फ रोगी ही नहीं बल्कि स्वस्थ व्यक्ति भी चुस्त-दुरुस्त रहने के लिए फिजियोथेरेपी की ओर रूख कर सकते हैं क्योंकि यह चिकित्सा प्रक्रिया कम खर्चीली होती है और इसके दुष्प्रभावों की संभावना भी कम होती है।
किन समस्याओं के लिए फिजियोथेरेपी की जाती है?
डॉ राजीव का कहना है कि कई समस्याओं के लिए फिजियोथेरेपी की जा सकती है। उदाहरण के लिए किसी तरह की चोट, पुरानी बीमारी, शारीरिक अक्षमता, शारीरिक गतिविधि में सुधार लाने, शारीरिक दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन, जोड़ो के दर्द या अकड़न से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, फ्रैक्चर और व्यायाम या फिर खेल के दौरान आया खिंचाव और जोखिमों आदि के उपचार के तौर पर भी फिजियोथेरेपी का सहारा लिया जा सकता है।
फिजियोथरेपी के प्रकार
डॉ राजीव के मुताबिक, फिजियोथेरेपी के अनेक प्रकार हैं, जिसमें एक्सरसाइज, हीट थेरेपी, कोल्ड थेरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी, स्पोर्ट्स थेरेपी, वुमन हेल्थ थेरेपी, कार्डियोवैस्कुलर फिजियोथेरेपी, न्यूरोमस्कुलोस्केलेटल फिजियोथेरेपी, आर्थोपेडिक फिजियोथेरेपी और बाल चिकित्सा फिजियोथेरेपी आदि शामिल हैं। डॉ राजीव का कहना है कि फिजियोथरेपी हर चोट, शारीरिक दर्द और बीमारी आदि के लिए अलग-अलग होती है। इसलिए आपकी स्थिति को देखकर ही फिजियोथेरेपिस्ट अलग-अलग तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।
किस उम्र के लोगों के लिए फिजियोथेरेपी लेना सही है?
डॉ राजीव कहते हैं, "फिजियोथेरेपी हर उम्र के लोग करवा सकते हैं, फिर चाहें कोई बुजुर्ग हो या छोटा बच्चा। अगर किसी युवा या फिर बुजुर्ग को स्लिप डिस्क, अर्थराइटिस जैसी बीमारियां हैं तो वे फिजियोथेरेपी ले सकते हैं। वहीं, गलत पॉश्चर और खेलकूद में लगने वाली चोट या फिर मांसपेशियों में खिंचाव के लिए भी फिजियोथेरेपी ली जा सकती है।" इसके अतिरिक्त, बच्चों के लिए शारीरिक और मानसिक विकास के साथ बीमारियों के लिए फिजियोथेरेपी लेना कारगर है।
फिजियोथेरेपी लेने की ओर इशारा करते हैं ये शारीरिक लक्षण
डॉ राजीव ने बताया कि कुछ ऐसे शारीरिक लक्षण होते हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि व्यक्ति के लिए फिजियोथेरेपी लेना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, "अगर आपको शरीर के किसी हिस्से में दर्द, शारीरिक अक्षमता, शरीर का असंतुलन, अधिक थकान महसूस करना, शरीर में भारीपन महसूस होना, शरीर में कमजोरी महसूस करना, चोट लगना, शारीरिक खिंचाव या अकड़न आदि समस्याएं होती हैं तो आपको किसी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाना चाहिए।"
फिजियोथेरेपी के होते हैं कुछ सेशन
डॉ राजीव के मुताबिक, किसी भी तरह के दर्द, बीमारी और चोट के उपचार के लिए फिजियोथेरेपी के कुछ सेशन लेने पड़ते हैं। आपकी समस्या जितनी पुरानी होगी, उसी के अनुसार फिजियोथेरेपी सेशन निर्धारित होते हैं।
फिजियोथेरेपी से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
डॉ राजीव का कहना है कि अगर आप फिजियोथेरेपी लेने जा रहे हैं तो टाइट कपड़े न पहनें ताकि एक्सरसाइज या फिर मशीन लगाने में कोई दिक्कत न हो। इसके अतिरिक्त, पेट भरकर खाना खाकर न जाएं। इसके साथ ही फिजियोथेरेपी से पहले आपका हाइड्रेट और सकारात्मक रहना भी महत्वपूर्ण है। अगर फिजियोथेरेपी को लेकर आपकी कोई उलझन है तो उसके बारे में फिजियोथेरेपिस्ट को बताएं और उनके साथ थोड़ा सहयोगी व्यवहार रखने के साथ उनकी सलाह मानें।
क्या फिजियोथेरेपी के दौरान डेली रूटीन में कोई बदलाव करने पड़ते हैं?
डॉ राजीव ने बताया कि अगर कोई फिजियोथेरेपी ले रहा है तो उसकी डाइट में फाइबर, आयरन, कैल्शियम, जरूरी विटामिन्स के साथ प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से युक्त खाद्य पदार्थों का शामिल होना बहुत जरूरी है। वहीं, मीठे खाद्य पदार्थों से दूरी बना लें, अधिक तला खाना न खाएं, ज्यादा फैट युक्त सामग्रियों का इस्तेमाल करने से भी बचें। अगर आपकी किसी समस्या के लिए फिजियोथेरेपिस्ट ने कुछ खास एक्सरसाइज घर पर करने को कहा है तो रोजाना उनका अभ्यास करें।
फिजियोथेरेपी लेने के बाद क्या सावधानियां बरतनी जरूरी हैं?
डॉ राजीव कहते हैं, "फिजियोथेरेपी लेने के बाद सावधानियों की बात करें तो व्यक्ति के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। फिजियोथेरेपिस्ट ने आपको फिजियोथेरेपी सेशन के बाद रोजाना कुछ एक्सरसाइज करने को कहा है तो उसे रोजाना करें।" डॉ राजीव ने सलाह दी कि अपने आराम पर भी ध्यान दें और पानी के सेवन को बढ़ा दें ताकि आप हाइड्रेट रहें।
फिजियोथेरेपी से व्यक्ति को क्या-क्या फायदे मिल सकते हैं?
डॉ राजीव के मुताबिक, फिजियोथेरेपी हर तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है क्योंकि इसकी अलग-अलग तकनीकों की मदद से गंभीर बीमारियों के जोखिम कम करने में मदद मिलती है। वहीं, फिजियोथेरेपी शरीर में ताकत और धीरज की सीमा को सुधारने और मांसपेशियों में मजबूती और लचीलापन लाने में भी मददगार है। यही नहीं, हर आयु के लोगों की अलग-अलग समस्याओं और बीमारियों के इलाज के लिए फिजियोथेरेपी ली जा सकती है।
फिजियोथेरेपी के नुकसान
डॉ राजीव का कहना है कि फिजियोथेरेपी से तब तक आपको कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता है, जब तक आप फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह को अच्छे से मानते हैं। हालांकि, फिजियोथेरेपी लेते समय रोगी को हल्के दर्द का सामना करना पड़ता है, जिसे दूर करने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट कुछ दर्द निवारक दवाई और मशीनी तकनीकों से ठीक कर देते हैं। वहीं, अगर थेरेपी की सूजन आती है तो उसे कम करने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट खास क्रीम आदि का इस्तेमाल करते हैं।
क्या शारीरिक दर्द से राहत दिलाने वाली कोई एक्सरसाइज है?
कोरोना काल में ज्यादातर लोग घर से काम कर रहे हैं। कम शारीरिक गतिविधियों के कारण बहुत लोगों को कमर दर्द या पूरे शरीर में दर्द का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर हमने डॉ राजीव से सवाल किया। इस पर उन्होंने कहा, "हर तरह के दर्द के लिए अलग तरीका है। जांच के बाद ही उपचार शुरू किया जाता है। जब उनका दर्द कम होता है तो उन्हें अलग-अलग एक्सरसाइज बताई जाती हैं।"
क्या मानसिक विकारों और समस्याओं के लिए भी फिजियोथरेपी उपचार काम करती है?
डॉ राजीव ने बताया कि मानसिक विकारों और समस्याओं के उपचार के लिए भी फिजियोथेरपी कारगर है। मानसिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को फिजियोथेरेपिस्ट कुछ खास एक्सरसाइज बताते हैं, जो शरीर में हैप्पी हार्मोन्स को बढ़ाकर मूड को बेहतर करने में मदद करती हैं।
फिजियोथेरेपी के प्रति जागरूकता होना है बहुत जरूरी- डॉ राजीव
डॉ राजीव ने कहा, "लोग जानकारी की कमी और खर्च बचाने की चाह में समस्याओं के लिए तरह-तरह की दवा लेते रहते हैं और तब फिजियोथेरेपिस्ट के पास आते हैं, जब स्थिति हाथ से बाहर होने लगती है। ऐसा अमूमन शारीरिक दर्द वाले लोगों के साथ होता है, इसलिए अगर आपको कुछ दिनों से लगातार शरीर के किसी हिस्से में दर्द है तो फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाएं।"