#NewsBytesExclusive: महिलाएं प्रेग्नेंसी के लिए अपने शरीर को कैसे तैयार करें? गायनेकोलॉजिस्ट से जानिए

अगर कोई महिला प्रेग्नेंसी प्लान कर रही है तो इसके लिए पहले उसका शरीर गर्भ में शिशु को पालने के लिए तैयार होना चाहिए। अगर महिलाएं पूरी तैयारी के साथ शिशु को कंसीव करने की प्लानिंग करेगी तो उनके और होने वाले शिशु की सेहत अच्छी रहेगी। इस विषय पर बेहतर जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गायनेकोलॉजिस्ट डॉ रेखा सोनी से बात की, जिन्होंने हमें प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें बताईं।
डॉ रेखा का कहना है कि प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले एक महिला के लिए जरूरी है कि वह शारीरिक रूप से फिट हो। अगर महिला को कमजोरी या मोटापे जैसी समस्याएं हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें ताकि कुछ शारीरिक जांच के बाद डॉक्टर प्रेग्नेंसी प्लान करने का सही समय बता सके। इसके अतिरिक्त महिला का मानसिक रूप से स्वस्थ रहना भी जरूरी है। इसके लिए वह खुद को मानसिक विकारों से बचाए रखने की कोशिश करें।
डॉ रेखा ने बताया कि प्रेग्नेंसी पर विचार करने से पहले जिस तरह महिलाओं का शारीरिक और मानिसक रूप से फिट रहना जरूरी है, उतना ही महत्वपूर्ण पुरूषों के लिए भी है। पुरूष स्मोकिंग और अल्कोहल पीने की आदत से दूरी बना लें क्योंकि इनकी वजह से उनका स्पर्म काउंट कम हो सकता है, जिसके कारण महिला को प्रेग्नेंसी में दिक्कत आ सकती है। बेहतर होगा कि पुरूष पोषक तत्वों से समृद्ध डाइट लें और रोजाना एक्सरसाइज करें।
डॉ रेखा का कहना है कि महिलाओं को गर्भधारण करने से पहले हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, HIV और यूरिन टेस्ट जैसे हेल्थ टेस्ट करवा लेने चाहिए क्योंकि इनकी वजह से महिला और होने वाले शिशु की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा डॉक्टर महिलाओं को प्रेग्नेंसी से पहले विटामिन बी, हीमोग्लोबिन, रूबेला, टीबी, थायराइड, मधुमेह और टोक्सोप्लासमोसिस आदि की जांच कराने की सलाह भी देते हैं।
डॉ रेखा ने कहा कि प्रेग्नेंसी प्लान करने वाली महिलाओं को हम प्री-प्रेग्नेंसी प्रोसेस की सलाह देते हैं जिसके दौरान कुछ वैक्सीन लगाई जाती हैं। जैसे अगर किसी महिला के हेल्थ टेस्ट में रूबेला IgG निकलता है तो हम उसे रूबेला वैक्सीन लगवाने को कहते हैं। बता दें कि रूबेला एक संक्रामक रोग होता है जो विकासशील गर्भ को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकता है। इसके अतिरिक्त हैपेटाइटिस बी, क्लेमाइडिया और HIV की वैक्सीन भी लगवाई जा सकती हैं।
इस बारे में डॉ रेखा का कहना है कि मेनोपॉज के दौरान महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो सकती हैं। हालांकि महिलाएं प्री-मेनोपॉज की स्टेज में प्रेग्नेंसी पर विचार कर सकती हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इस दौरान भले ही पीरियड्स अनियमित हो, लेकिन आपकी ओवरी मैच्योर और हेल्दी अंडे रिलीज करने में समर्थ होती है। ऐसे में जब हेल्दी अंडा स्पर्म के साथ फर्टिलाइज हो जाता है तो महिला गर्भधारण कर लेती है।
डॉ रेखा ने बताया कि PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक गंभीर समस्या है। इस समस्या के होने की मुख्य वजह हार्मोन असंतुलन, गलत खानपान, शारीरिक सक्रियता में कमी और ज्यादा तनाव लेना है। खैर वजह चाहें जो भी हो, PCOS से पीड़ित महिलाएं भी मां बनने का सुख ले सकती हैं। इसके लिए वह अपनी डाइट में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थों को शामिल करें और एक्सरसाइज और योगाभ्यास के जरिये अपने वजन को नियंत्रित रखें।
डॉ रेखा ने बताया कि PCOS वाली महिलाओं को कई ऐसी समस्याएं हो सकती है, जो उनकी प्रेग्नेंसी में रुकावट पैदा कर सकती हैं। गंभीर समस्याओं की बात करें तो इनमें मधुमेह, प्री-एक्लेमप्सिया, गर्भपात और समय से पहले डिलिवरी होना शामिल है। इनसे बचने के लिए PCOS वाली महिलाएं प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले गायनेकोलोजिस्ट से संपर्क करें ताकि वह PCOS ्ग्रस्त महिला के शरीर को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार कर सके।
डॉ रेखा के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के लिए महिला के शरीर को तैयार करने में एक्सरसाइज और योगाभ्यास काफी मदद कर सकते हैं। योगासनों की बात करें तो इसके लिए महिलाओं को नियमित रूप से बद्धकोणासन, सुप्त बद्धकोणासन, भुजंगासन, सेतुबंधासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, भारद्वाजासन और चक्की चलनासन का अभ्यास करना चाहिए। वहीं एक्सरसाइज के तौर पर महिलाएं लेग रेज एक्सरसाइज, एब्डॉमिनल क्रंच एक्सरसाइज, माउंटेन क्लाइंबर एक्सरसाइज, वॉल सिट एक्सरसाइज और ब्रिज एक्सरसाइज को अपने वर्कआउट रूटीन में शामिल कर सकती हैं।
डॉ रेखा का कहना है कि महिलाओं के शरीर को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करने में डाइट अहम भूमिका अदा कर सकती है। इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं अपनी डाइट में फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम और आयरन आदि पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इसके अलावा अनाज, खट्टे फल, हरी सब्जियां और कम वसा युक्त दुग्ध उत्पादों का भी सेवन करें। इसी के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी और नारियल पानी का सेवन भी जरूरी है।
डॉ रेखा ने बताया कि प्रेग्नेंसी के लिए शरीर को तैयार करते समय महिलाओं के लिए कुछ चीजों का सेवन बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है। उदाहरण के लिए, महिलाएं अधिक नमक युक्त भोजन का सेवन न करें, वसा युक्त दुग्ध उत्पादों से दूरी बना लें, अधिक तला और मसालेदार चीजों का अधिक सेवन न करें। इसी के साथ कार्बोनेटेड और अधिक मीठे पेय पदार्थों के साथ-साथ अल्कोहल के सेवन से दूर रहें।
डॉ रेखा ने कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताया है जिन्हें देखने के बाद महिलाओं को प्रेग्नेंसी टेस्ट कर लेना चाहिए। इसके लिए महिला बाजार से प्रेग्नेंसी टेस्ट किट खरीद सकती हैं। यह टेस्ट यूरिन के जरिये किया जाता है और इसमें दो गुलाबी रेखाएं आने का मतलब प्रेग्नेंसी का संकेत होना होता है। लक्षणों की बात करें तो इसमें हल्के-हल्के पीरियड्स होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना और ब्रेस्ट में अकड़न महसूस होना आदि शामिल है।
डॉ रेखा ने बताया कि अगर महिला मिस हुए पीरियड के पहले ही दिन प्रेग्नेंसी टेस्ट कराती हैं तो इसके सही नतीजे दिखाने की संभावना रहती है। अगर सबसे सही समय की बात करें तो प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए सुबह का समय काफी अच्छा है। हालांकि ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी टेस्ट किट अच्छी होनी चाहिए क्योंकि अगर महिला एक्सपायर हो चुकी किट का इस्तेमाल करती है तो टेस्ट के नतीजे सही न आने की संभावना बढ़ जाती है।
इस बारे में डॉ रेखा का कहना है कि अगर प्रेग्नेंट महिला को पीरियड्स आ जाएं तो उसे घबराना नहीं चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हम जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान पीरियड्स का आना सामान्य बात नहीं है, फिर भी महिलाएं खुद पर संयम रखें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपना हर कार्य करें। वहीं दवाओं का सेवन समय से करें और स्वास्थ्यवर्धक खान-पान के साथ शारीरिक सक्रियता पर ध्यान दें।