नसों की कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
नसें शरीर के विभिन्न हिस्सों में खून पहुंचाने का काम करती हैं और जब किसी कारणवश ये सही ढंग से ये काम नहीं कर पाती तो इसे ही नसों की कमजोरी के रूप में जाना जाता है। योग नसों की कमजोरी को दूर करने में मदद कर सकता है। आइए आज कुछ ऐसे ही योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं जो नसों की कमजोरी से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
बद्धकोणासन
बद्धकोणासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं और फिर पैरों को मोड़कर अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें। इसके बाद दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और अपने दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें। इस दौरान सामान्य गति से सांस लेते रहें। कुछ सेकंड बाद इस आसन को धीरे-धीरे छोड़ दें।
वज्रासन
वज्रासन करने के लिए पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। इसी स्थिति में अपने दोनों पैरों के अंगूठों को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें। अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाकर अपनी हथेलियां को घुटनों पर रखें। इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें। इसके बाद आंखें बंद करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस अवस्था में कम से कम 5-10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें, फिर सामान्य हो जाएं।
सुप्त मत्स्येन्द्रासन
सुप्त मत्स्येन्द्रासन के लिए पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेटें। अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और ऊपर उठाते हुए इसके तलवे को बाएं घुटने पर टिकाएं, फिर अपनी पीठ को बायीं ओर मोड़ें और अपने दाएं हाथ को दाएं पैर के घुटने पर रखें। अब बाएं हाथ को कंधे की सीध में फैलाएं। इसके बाद सिर को बायीं ओर घुमाएं। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद सामान्य हो जाएं।
अनंतासन
अनंतासन के लिए योगा मैट पर दायीं करवट में लेटें। अब अपने दाएं हाथ को कोहनी से मोड़ें और इसकी हथेली पर अपने सिर को टिकाएं। इसके बाद अपने बाएं हाथ से बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें और पैर को ऊपर की ओर सीधा करें। इस स्थिति में आपका बायां पैर और बायां हाथ ऊपर की ओर सीधे होंगे। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं, फिर इसी प्रक्रिया को दूसरी तरफ से दोहराएं।