अर्धमत्स्येन्द्रासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
शरीर को स्वस्थ रखने में योग अहम भूमिका अदा कर सकता है और इसी वजह से कहा जाता है कि "करो योग, रहो निरोग"।
योगासनों को शारीरिक और मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर माना जाता है और इस सूची में अर्धमत्स्येन्द्रासन भी शामिल है जिसके नियमित अभ्यास से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
चलिए फिर अर्धमत्स्येन्द्रासन के अभ्यास का तरीका और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
अभ्यास
अर्धमत्स्येन्द्रासन के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं घुटने के ऊपर से इसके किनारे पर रख लें।
इसके बाद बाएं घुटने को मोड़कर इसकी एड़ी को दाएं कूल्हे के नीचे रखें और बाएं हाथ से दाएं टखने को पकड़ने की कोशिश करें। इस दौरान दाएं हाथ को कमर के पीछे रखें।
कुछ सेकंड इसी स्थिति में बने रहें और धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
सावधानियां
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
1) पेप्टिक अल्सर और हर्निया से पीड़ित लोगों को इस योगासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए क्योंकि इसके कारण उनकी समस्या बढ़ सकती है।
2) महिलाएं भी गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान इस योगासन का अभ्यास न करें।
3) अगर आपकी किसी तरह की सर्जरी हुई है तो इस योगासन का अभ्यास करने से बचें।
4) अगर आपको गर्दन या रीढ़ की हड्डी से संबंधित कोई समस्या है तो आपको इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
फायदे
अर्धमत्स्येन्द्रासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अर्धमत्स्येन्द्रासन का नियमित तौर पर अभ्यास कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।
उदाहरण के लिए, इसके अभ्यास से फेफड़ों और हृदय की कार्यक्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और पेट में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे पेट और इसके अंदरूनी तंत्र को मजबूत मिलती है। यही नहीं, यह शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित रख सकता है।
इसके साथ ही यह योगासन मानसिक विकारों से भी आराम दिला सकता है।
महत्वपूर्ण टिप्स
अर्धमत्स्येन्द्रासन के अभ्यास से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
1) अगर आप पहली बार इस योगासन का अभ्यास करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें और इसके बाद ही इसका अभ्यास करने की कोशिश करें।
2) संभव हो सके तो किसी योग शिक्षक की निगरानी में इसका अभ्यास करें।
3) इस योगासन का अभ्यास करने से पहले कुछ हल्की-फुल्की स्ट्रैचिंग एक्सरसाइज कर लें।
4) इस योगासन को करते समय ज्यादा कसे हुए कपड़े न पहनें।