नवजात शिशु की इस तरह से करें देखभाल, हमेशा खुश रहने के साथ-साथ रहेगा तंदरुस्त
अगर हाल ही में नवजात शिशु आपके घर आया है तो आपके शुरूआती कुछ महीने काफी व्यस्तता भरे होंगे। बच्चे के साथ आपका ये अनुभव खुशनुमा और बहुत खास होगा जो आपको हमेशा याद रहेगा। वहीं बच्चे में हर महीने आपको कुछ न कुछ नए बदलाव भी देखने को मिलेगें। इन नए होते बदलावों को आपको समझना होगा और उसी हिसाब से आपको उसकी देखभाल करनी होगी। आइए जानें इससे संबंधित कुछ खास बातें।
बच्चे के खाने के समय का रखें पूरा ध्यान
बच्चे को कभी भी भूखा न रखें, उसके रोने से समझने की कोशिश करें। वैसे ऐसा जरूरी नहीं की बच्चा हमेशा भूख से ही रोता है इसलिए आपको उसके रोने का कारण समझना होगा। नवजात या छह-आठ महीने के बच्चे भूख सहन नहीं कर पाते है और रोने लगते है इसलिए समय-समय पर ब्रेस्टफीडिंग या फार्मूला मिल्क पिलाते रहें। इसी के साथ समय का बहुत ध्यान रखें और बच्चे को ओवर इटिंग न कराएं।
बच्चे को दूध पिलाने के बाद डकार दिलानी है जरूरी
दूध पिलाने के बाद बच्चे को डकार दिलवाना जरूरी है क्योंकि दूध पीते समय बच्चे हवा भी निगल लेते हैं जिससे उनके पेट में गैस बनने लगती है और पेट दर्द होने लगता है। डकार के जरिए यह हवा बाहर निकल जाती है और बच्चे को पेट दर्द नहीं होता। बस इसके लिए शिशु को अपने सीने से लगाकर धीरे से हाथों से उसके पीठ को सहलाएं, ऐसा तब तक करें जब तक वह डकार न ले लें।
समय-समय पर बदलते रहें बच्चे का डायपर
बच्चे की देखभाल में डायपर भी अहम भूमिका निभाता है इसलिए आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि एक दिन में कितनी बार डायपर बदलने चाहिए। जानकारी के मुताबिक बच्चा एक दिन में कम से कम छह-आठ बार डायपर गीले कर सकता है। जैसे ही आपके बच्चे का डायपर भरा हुआ महसूस हो तो तुरंत उसे बदलें। इसी के साथ अपने बच्चे को रोज कुछ घंटों के लिए डायपर के बिना रखें।
बच्चे को नहलाते समय पूरी तरह से बरतें सावधानी
बच्चे को नहलाना बहुत नाजुक काम है इसलिए उसको नहलाने और उसके कपड़े बदलने के लिए सभी जरूरी सामान पहले से ही तैयार कर लें। इसके लिए गुनगुना पानी, बाथटब, वॉशक्लॉथ, बेबी सोप, तौलिया, नया डायपर, बेबी क्रीम और साफ कपड़ों को पहले ही अपने पास रख लें। इसी के साथ नहलाते समय सोप का इस्तेमाल ध्यान से करें। बच्चे को नहलाने के बाद उसके पूरे शरीर पर लोशन और पॉउडर लगाएं और डायपर के साथ कपड़े पहनाएं।
बच्चों के कपड़ों का रखें खास ख्याल
नवजात शिशु से लेकर बढ़ते हुए बच्चे तक के आराम का खास ध्यान रखें। बच्चे को आराम तभी मिलेगा जब उन्हें आरामदायक कपड़े पहनाएं जाएंगे इसलिए बच्चे को हमेशा आरामदायक कपड़े ही पहनाएं, जिससे वो सहज महसूस करें। इसके अलावा बच्चों के कपड़ों के आकार का भी ध्यान रखें क्योंकि बड़े आकार के कपड़ों में बच्चे असहज महसूस करते हैं। साथ ही मौसम के हिसाब से भी कपड़ों का चुनाव करें।