#NewsBytesExclusive: देश में हर दो दिन में फरार हुए तीन कैदी, RTI में हुआ खुलासा
क्या है खबर?
देश की पुलिस अपराधियों को बड़ी मेहनत कर गिरफ्तार करती है, लेकिन कुछ शातिर अपराधी जेल की कमियों, पेरोल और पेशी के दौरान कम सुरक्षा व्यवस्था का फायदा उठाकर फरार हो जाते हैं।
यही कारण है कि साल 2017 से 2019 के बीच देश की जेलों में बंद 1,591 कैदी और बंदी फरार हो चुके हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के उपलब्ध कराई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है।
फरार
प्रत्येक दो दिन में फरार हुए तीन कैदी या बंदी
न्यूजबाइट्स हिंदी की ओर से RTI के तहत NCRB से देश की जेलों से फरार हुए कैदी और बंदियों की जानकारी मांगी थी।
इसके जवाब में NCRB ने बताया कि 1 जनवरी, 2017 से 31 दिसंबर, 2019 तक देश की जेलों और पुलिस हिरासत से कुल 1,591 कैदी या बंदी फरार हुए हैं।
इस हिसाब से इस अवधि में देश की जेलों और पुलिस हिरासत से प्रत्येक दो दिन में तीन कैदी या बंदी फरार हुए हैं।
हालात
साल 2018 में फरार हुए सबसे अधिक कैदी और बंदी
RTI में मिली जानकारी के अनुसार, उपरोक्त अवधि में जेलों और पुलिस हिरासत से फरार कुल 1,591 कैदी या बंदियों में सबसे अधिक 673 कैदी या बंदी साल 2018 में फरार हुए थे।
इसी तरह साल 2017 में 378 और 2019 में 468 कैदी या बंदी फरार हुए थे।
चौंकाने वाली बात यह है कि फरार हुए कुल कैदी और बंदी में पुलिस अब तक महज 33 प्रतिशत यानी 532 कैदी और बंदियों को ही दोबारा गिरफ्तार कर पाई है।
जानकारी
2019 में दोबारा गिरफ्तार हुए सबसे अधिक कैदी या बंदी
उपरोक्त अवधि में फरार होने के बाद दोबारा गिरफ्तार 532 कैदी या बंदियों में से सबसे अधिक 231 कैदी या बंदी 2019 में गिरफ्तार हुए हैं। इसके अलावा 2017 में 168 और 2018 में सबसे कम 133 कैदी या बंदी ही गिरफ्तार हो पाए हैं।
आंकड़े
गुजरात से फरार हुए सबसे अधिक कैदी या बंदी
सूचना के अनुसार, उपरोक्त अवधि में फरार हुए 1,591 कैदी या बंदियों में से सबसे अधिक 706 अकेले गुजरात राज्य से फरार हुए हैं।
इसी तरह उत्तर प्रदेश से 109, राजस्थान से 91, महाराष्ट्र से 80, पंजाब से 58, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से 54-54, केरल से 50, बिहार से 48, मध्य प्रदेश से 44 और तमिलनाडु से 35 कैदी और बंदी फरार हुए हैं।
हालांकि, इस दौरान गुजरात पुलिस ने 213 कैदियों को दोबारा गिरफ्तार भी कर लिया।
सबसे कम
इन राज्यों से फरार नहीं हो सका कोई भी कैदी और बंदी
उपरोक्त अवधि में अरुणाचल प्रदेश, अंडमान, दमन औद दीव, लक्षद्वीप, सिक्किम और मेघालय की जेलों और पुलिस हिरासत से कोई भी कैदी या बंदी फरार होने में सफल नहीं हो सका।
इसी तरह दादर नागर हवेली, मणिपुर से एक-एक; जम्मू-कश्मीर, गोवा, चंडीगढ़, पुदुचेरी, नागालैंड से दो-दो; दिल्ली और त्रिपुरा से चार-चार; उत्तराखंड से पांच, झारखंड से सात, तेलंगाना से आठ, हरियाणा से नौ और मिजोरम से 10 कैदी या बंदी फरार हुए हैं।
फरार
पेशी या पेरोल के दौरान फरार हुए सबसे अधिक कैदी और बंदी
उपरोक्त अवधि में सबसे अधिक 906 कैदी या बंदी जेल से कोर्ट में पेशी पर जाते समय या फिर कोर्ट से मिली पेरोल के दौरान फरार हुए हैं।
इसी तरह 415 आरोपी पुलिस हिरासत के दौरान पुलिस पर हमला कर फरार होने में कामयाब रहे हैं।
इसी तरह 198 कैदी और बंदी जेलों से फरार हुए हैं। इसमें जेलों की दीवारों पर लगी कंटीले तारों की फेंसिंग को काटकर, सुरंग बनाकर या जेलकर्मियों पर हमला कर भागना भी शामिल है।
जेल
देशभर में संचालित है 1,350 जेल
उपरोक्त अवधि में कैदी और बंदियों के फरार होने का यह आंकड़ा देश में संचालित कुल 1,350 जेलों का हैं। इनमें 144 केंद्रीय कारागार और 410 जिला कारागार है।
इसी तरह इनमें 617 उपकारागार, 31 महिला, 86 ओपन जेल, 41 स्पेशल जेल और दो अन्य जेल शामिल हैं।
हालांकि, इस दौरान ओपन जेलों से फरारी का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। इन जेलों में कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए रखा जाता है।
बयान
पेशी की दौरान फरार होते हैं सबसे अधिक कैदी या बंदी
राजस्थान पुलिस के उप महानिरीक्षक (DIG) अंशुमन भोमिया ने न्यूजबाइट्स हिंदी को बताया कि जेलों या पुलिस थानों से पेशी पर ले जाने के कारण सुरक्षा जाप्ता कम होता है। ऐसे में कई कैदी, बंदी या आरोपी पुलिसकर्मियों पर हमला कर फरार होने में कामयाब हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अब इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पेश पर जाते समय सुरक्षा जाब्जे को मजबूत किया जा रहा है। इससे फरारी में कमी आ रही है।