पुरूषों को प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं से बचाए रखने में सहायक हैं ये योगासन
प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में ही होती है और इसमें कोई भी समस्या पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, पहले 40-45 साल की उम्र के बाद पुरूषों में प्रोस्टेट की समस्याएं होती थी, लेकिन अब खराब जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण प्रोस्टेट समस्याएं युवाओं में भी देखने को मिल रही हैं। आइए कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं, जो प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं से बचाए रखने में सहायक हो सकते हैं।
गोमुखासन
सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठकर अपने दाएं पैर को मोड़ें और इसे बायीं जांघ के ऊपर से ले जाते हुए बाएं नितंब के पास जमीन पर रख लें। इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दायीं जंघा के नीचे से दाएं नितंब के पास जमीन पर रख लें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए उन्हें पीठ के पीछे आपस में पकड़ने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।
सुप्त पदांगुष्ठासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सावधान मुद्रा में लेट जाएं और फिर सांस भरते हुए अपने दाएं पैर को ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि इस दौरान आपके दोनों पैर घुटने से न मुड़ें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपने दाएं हाथ से अपने दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कुछ सेकेंड रहने के बाद इसी प्रक्रिया को अपने बाएं पैर से दोहराएं। कुछ मिनट बाद यह आसन छोड़कर थोड़ा विश्राम करें।
वीरासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में एकदम सीधे बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे अपने तलवों को फैलाएं और अपने कूल्हों को दोनों पैरों के बीच में से जमीन पर टिकाने की कोशिश करें। इसके बाद दोनों हाथों को सीधा तान कर घुटनों पर रखें। इस दौरान अपने कंधों को आराम की मुद्रा में रखें। इसी मुद्रा में तीन से चार मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
मलासन
सबसे पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर और कंधे की सीध से बाहर की तरफ फैलाकर बैठ जाएं। ध्यान रहे कि बैठते समय कमर का ऊपरी भाग सीधा होना चाहिए। इस अवस्था में आने के बाद शरीर मल त्यागने वाली मुद्रा में दिखाई देने लगेगा। अब अपने दोनों हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ लें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहने की कोशिश करें और फिर आसन को छोड़ दें।