
भारत में मतदान बढ़ाने के लिए नहीं आई कोई राशि, अमेरिकी दूतावास ने खोली ट्रंप की पोल
क्या है खबर?
अमेरिकी दूतावास ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए USAID ने 182 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने विदेश मंत्रालय को बताया कि 2014 से 2024 तक USAID ने मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने से जुड़ी कोई फंडिंग प्राप्त नहीं की है। दूतावास ने ये भी कहा कि इस तरह की किसी गतिविधि को भी लागू नहीं किया गया।
दूतावास
अमेरिकी दूतावास ने फंडिंग पर क्या-क्या जानकारी दी?
संसद में पेश दस्तावेजों में दूतावास ने USAID की गतिविधियों की जानकारी दी है। इसमें बताया गया है कि USAID ने 2014 से 2024 तक मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए न कोई फंडिंग प्रदान की और न ही प्राप्त की। दूतावास ने यह भी बताया कि 15 अगस्त, 2024 से USAID के भारत में सभी संचालनों को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है। दूतावास ने फंड वितरण की सालाना जानकारी और लाभार्भी विवरण भी दिया है।
मामला
क्या है मामला?
फरवरी में एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने कहा था कि उसने USAID के कई विदेशी अनुदानों को रद्द कर दिया है। इसमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर की राशि भी शामिल थी। इसके अलावा बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 251 करोड़ रुपये, नेपाल में राजकोषीय संघवाद और जैव विविधता संरक्षण के लिए 338 करोड़ रुपये और कई अन्य देशों की फंडिंग भी रद्द की गई थी।
बयान
ट्रंप ने कहा था- किसी और की सरकार बनाने की थी कोशिश
DOGE के दावे के बाद ट्रंप ने कहा था कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन द्वारा भारत को फंडिंग देकर किसी और को निर्वाचित करने का प्रयास चल रहा था। उन्होंने कहा था, "हमें भारत में मतदान पर 21 मिलियन डॉलर (182 करोड़ रुपये) खर्च करने की क्या जरूरत है? मुझे लगता है कि वे किसी और को निर्वाचित करने की कोशिश कर रहे थे। हमें भारत सरकार को बताना होगा, यह एक बड़ी सफलता है।"
राजनीति
कथित फंडिंग पर भाजपा-कांग्रेस ने एक-दूसरे पर आरोप
मामला सामने आने के बाद भाजपा ने कहा था, "मतदान के लिए 182 करोड़ रुपये? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी को तो नहीं ही होगा!" कांग्रेस ने इन आरोपों को निराधार बताया था। वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि ये दावे बेहद परेशान करने वाले हैं और संबंधित विभाग और एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।