प्री-मैच्योर शिशु को स्तनपान कराते समय इन टिप्स को जरूर करें फॉलो
क्या है खबर?
प्री-मैच्योर शिशु यानि समय से पहले जन्मा बच्चा। ऐसे शिशु मां के गर्भ में पर्याप्त समय तक नहीं रह पाते हैं और काफी नाजुक होते हैं। इसलिए जन्म के बाद इन्हें अन्य शिशुओं के मुकाबले अतिरिक्त देखभाल और पोषण की जरूरत होती है।
प्री-मैच्योर शिशु को मां के दूध से पर्याप्त मात्रा में पोषण मिल सकता है। इसके लिए जरूरी है कि नई मां प्री-मेच्योर शिशु को स्तनपान कराते समय इन टिप्स को जरूर फॉलो करें।
#1
पंपिंग प्रक्रिया को अपनाना नई मां के लिए है जरूरी
प्री-मैच्योर शिशु की मां को प्रसव के ठीक बाद और शिशु को जन्म देने के लगभग छह घंटे के भीतर बच्चे को स्तनपान कराना काफी महत्वपूर्ण होता है।
इसके लिए मां को स्तन पंप करके अपने दूध को एक फीडिंग ट्यूब में भरने को कहा जाता है, फिर मां शिशु को फीडिंग ट्यूब से दूध पिलाती है।
प्रारंभिक चरणों में एक मां को कम से कम आठ बार अपने दूध को पंप करना पड़ता है।
#2
कंगारू केयर तकनीक को अपनाना है बेहतरीन
कंगारू केयर तकनीक से मतलब है कि जिस तरह कंगारू अपने बच्चे को खुद से चिपकाकर रखती हैं, ठीक वैसे ही स्तनपान कराते समय मां को अपने शिशु को खुद से सटाकर रखना चाहिए।
इससे शिशु को काफी आराम मिलता है और वह खुद को अधिक सुरक्षित महसूस करता है।
ऐसे में बेहतर होगा कि नई मां अपने प्री-मैच्योर शिशु के साथ इस तरह से अधिक से अधिक समय व्यतीत करें ताकि उसे किसी तरह की परेशानी न हो।
#3
घर पर होने पर ये करें
जब मां अपने शिशु के साथ घर आ जाए तो उन्हें जरूरत के अनुसार पंप का इस्तेमाल करते रहना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में शिशु को दूध पिलाना चाहिए। ट्यूब फीडिंग की आदत को धीरे-धीरे कम करना चाहिए।
इसके अलावा आप चाइल्ड केयर एक्सपर्ट के पास जाएं और शिशु को दूध पिलाने से जुड़ी सभी जानकारी लें।
याद रखें कि शिशु के विकास और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए मां का दूध सबसे महत्वपूर्ण होता है।
#4
34 हफ्ते बाद सीधे स्तन से पिलाएं दूध
जैसे ही प्री-मैच्योर शिशु के जन्म को 34 हफ्ते पूरे हो जाएं तो मां को उसे सीधे स्तन से दूध पिलाना शुरू कर देना चाहिए।
जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, उसे हर चीज की प्रक्रिया को सिखाया जाना चाहिए ताकि उसे आदत पड़ जाए।
34 हफ्ते बाद शिशु को स्तनपान कराने के लिए शुरुआती दौर में स्तन को बच्चे की ओर ले जाएं और उसे पकड़कर शिशु को स्तनपान कराएं ताकि उसे किसी तरह की समस्या न हो।