चक्की चलनासन: बेहद लाभदायक है यह योगासन, जानिए इसके अभ्यास का तरीका और महत्वपूर्ण बातें
अगर आप नियमित तौर पर चक्की चलनासन का अभ्यास करते हैं तो इससे आपको कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी फायदे मिल सकते हैं। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस आसन का अभ्यास करना काफी आसान है और इसका अभ्यास ठीक उसी तरह किया जाता है जिस तरह आटे की चक्की को हाथों की मदद से चलाया जाता है। चलिए फिर आज हम आपको इस योगासन के अभ्यास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
चक्की चलनासन के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आगे की तरफ फैलाकर बैठ जाएं। फिर दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे में फंसाकर मुट्ठी बना लें। अब लंबी गहरी सांस भरें और हाथों को सीधा रखते हुए गोल-गोल घुमाएं। इस दौरान हाथों के साथ-साथ कमर से ऊपर का शरीर भी घूमना चाहिए। पहले इस प्रक्रिया को 5-10 बार क्लॉक वाइज और फिर 5-10 बार एंटी क्लॉक वाइज करें। अंत में धीरे-धीरे इस योगासन को छोड़ें और सामान्य हो जाएं।
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
1) अगर आपको उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर या फिर माइग्रेन की समस्या है तो इस योगासन का अभ्यास करने से बचें। 2) अधिक उम्र के लोगों और गर्भवती महिलाओं को भी इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए। 3) अगर इस योगासन का अभ्यास करते समय आपके हाथों या पैरों में दर्द होता है तो ऐसे में इस योगासन का अभ्यास न करें। 4) इस योगासन के अभ्यास के दौरान खाली पेट रहें।
चक्की चलनासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
चक्की चलनासन का नियमित तौर पर अभ्यास कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। उदाहरण के लिए, इस योगासन से रीढ़ की हड्डी, कूल्हों, कंधों, हैम्स्ट्रिंग और कलाइयों में मजबूती आती है। इसके अलावा यह शरीर के पॉश्चर को सही बनाए रखने में भी मदद करता है और इससे वजन नियंत्रित करने में काफी मदद मिलती है। यह योगासन चिंता जैसे कई मानसिक विकारों से भी काफी हद तक राहत प्रदान कर सकता है।
चक्की चलनासन के अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स
1) चक्की चलनासन का अभ्यास करना आसान है, लेकिन इसे लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। इसके अभ्यास के दौरान शुरुआत में कुछ असुविधा महसूस हो सकती है, इसलिए इस योगासन का अभ्यास योग विशेषज्ञ की निगरानी में ही करें। 2) इस योगासन की शुरुआत में संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए किसी तकिये का सहारा लें। 3) योगासन की मुद्रा से सामान्य अवस्था में धीरे-धीरे आएं ताकि आपके हाथों या गर्दन में झटका न आए।