सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? जानिए इसे सुरक्षित रखने के तरीके
क्या है खबर?
सर्दियों के दौरान रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने की संभावना बढ़ जाती है और इससे हृदय के लिए वाहिकाओं में रक्त को पंप करना मुश्किल हो जाता है।
इससे ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है और इसी के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा रहता है।
आइए जानते हैं कि इससे सबसे ज्यादा खतरा किन लोगों को होता है और ठंड के मौसम में हृदय को स्वस्थ रखने के लिए क्या-क्या किया जा सकता है।
खतरा
सर्दियों में किन लोगों को रहता है हार्ट अटैक का अधिक खतरा?
जिन लोगों को पहले माइल्ड हार्ट अटैक आया हो या जिन्हें कोई हृदय रोग हो, उन्हें सर्दियों में हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक रहती है।
इसके अतिरिक्त असंतुलित जीवनशैली, धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन भी इसका खतरा पैदा कर सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल, बढ़ता वजन और मधुमेह भी अचानक हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ा सकते हैं।
ऐसे में बेहतर रहेगा कि स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली पर अतिरिक्त ध्यान दिया जाए।
संकेत
हार्ट अटैक से जुड़े शारीरिक संकेत कौन से हैं?
जयपुर के कृष्णा हार्ट एंड जनरल हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत डॉ रजत के मुताबिक, हार्ट अटैक से पहले शरीर कुछ संकेत देता है, जिन्हें इसके लक्षण भी कहा जा सकता है।
डॉ रजत का कहना है, "छाती में भारीपन, सांस लेने में तकलीफ, अधिक थकान, पल्स का कम होना, अचानक घबराहट महसूस करना, ज्यादा पसीना आना आदि इस स्थिति के शारीरिक लक्षण हैं।"
इन समस्याओं को हल्के में न लें और तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।
बचाव
गर्म कपड़े पहनें, लेकिन अधिक लेयरिंग करने से बचें
सर्दियों के दौरान खुद को गर्म कपड़ों से ढक कर रखें, खासकर जब आप बाहर निकल रहे हों।
हालांकि, गर्म कपड़ों की अधिक लेयरिंग करने से बचें क्योंकि इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है, जो हृदय गति को कम या ज्यादा कर सकता है।
इसके अलावा अधिक लेयरिंग से लगने वाली गर्मी रक्त वाहिकाओं को चौड़ा कर सकती है और ब्लड प्रेशर को काफी कम कर सकती है।
नशीले पदार्थ
अत्यधिक शराब पीने या धूम्रपान से बचें
कई लोग सर्दियों में इस बहाने से शराब और धूम्रपान का सेवन करने लगते हैं कि इससे शरीर को गर्माहट मिलती है।
हालांकि, इनका अधिक सेवन शरीर का आवश्यकता से अधिक तापमान बढ़ा सकता है। यह खतरनाक हो सकता है, खासकर जब आप ठंड में बाहर हों।
अगर आप पूरी तरह से शराब छोड़ने में असमर्थ हैं तो इसका सेवन सीमित मात्रा में करें। इसके अतिरिक्त धूम्रपान करने से परहेज करें।
तनाव
तनाव को नियंत्रित करने की कोशिश करें
तनाव को नियंत्रित करना सबसे महत्वपूर्ण निवारक उपायों में से एक है।
तनाव शरीर में सूजन बढ़ा सकता है, जो हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है। जब भी खुद को तनाव से घिरा पाएं तो काम से ब्रेक लें और अपना पसंदीदा काम करें।
तनाव को नियंत्रित करने के लिए योग, मेडिटेशन या प्राणायाम का भी अभ्यास किया जा सकता है।
एक्सरसाइज
रोजाना एक्सरसाइज जरूर करें
रोजाना एक्सरसाइज करने से हृदय स्वास्थ्य ठीक रहता है।
दरअसल, एक्सरसाइज करने से हृदय की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे फेफड़ों और पूरे शरीर में खून पंप करने की हृदय की क्षमता में सुधार होता है।
इससे मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और खून में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे हृदय का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज करके अपने हृदय को स्वस्थ रखें।
खान-पान
खान-पान पर दें अतिरिक्त ध्यान
हृदय स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज के साथ-साथ खान-पान पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है।
दरअसल, हम जो कुछ भी खाते हैं, वह सीधे हमारे हृदय प्रणाली पर प्रभाव डालता है, इसलिए डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर खान-पान की चीजों को शामिल करें।
इसके लिए आप सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दाल और मेवों का सेवन करें।
इसके अलावा नूडल्स, बर्गर और पिज्जा जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें क्योंकि इनसे हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
जांच
नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराएं
सिर्फ हृदय रोग के मरीज ही नहीं, बल्कि सभी को नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए।
स्वास्थ्य समस्याओं पर नजर रखने के लिए जांच बहुत आवश्यक हैं। हृदय स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए डॉक्टर आपके वजन, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के स्तर की जांच कर सकता है।
इसके अलावा डॉक्टर आपसे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और जीवनशैली की आदतों के बारे में भी पूछ सकते हैं।