
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद से 70 लापता, बचने की उम्मीद कम
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का कहना है कि किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने के बाद आई बाढ़ में बहकर जाने वाले 70 लोग अब अभी लापता हैं। अब्दुल्ला ने मंगलवार को श्रीनगर में कहा कि जो लापता हैं, उनको जिंदा ढूंढना तो मुश्किल है, लेकिन अब शव ढूंढने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किश्तवाड़ में जो आपदा आई थी, वह ग्लेशियर फटने के नहीं बादल फटने से आई थी।
बयान
अब्दुल्ला ने क्या कहा?
अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, "चशोती में हालात आपके सामने हैं। ये हम मानकर चलें कि जो करीब 70 लोग लापता हैं, उनको जिंदा खोजकर निकालना नामुमकिन बन रहा है। हमारी कोशिश है कि जितनी ज्यादा शव खोजकर उनके परिजनों को सौंप सके, ताकि परिजन उनका अंतिम संस्कार कर सकें। चशोती में जो हुआ है, वह ग्लेशियर फटने से नहीं हुआ है, बल्कि बादल फटने से हुआ है। कुछ समय पहले रामबन में भी ऐसी स्थिति दिखी थी।"
ट्विटर पोस्ट
उमर अब्दुल्ला ने घटना की जानकारी दी
#WATCH | श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने की घटना पर कहा, "स्थिति आपके सामने है। लगभग 70 लापता लोगों को जीवित ढूंढ पाना लगभग नामुमकीन है। हमारी कोशिश होगी कि ज़्यादा से ज़्यादा शव निकाले जाएं और उन्हें उनके परिवारों को… pic.twitter.com/IQck043fQo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 19, 2025
बयान
असुरक्षित इलाकों की पहचान करनी होगी- अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि यह जो घटना हुई है, उसे देखते हुए अब विशेषज्ञों की नियुक्ति करेंगे, जो देखेंगे कि कौन से इलाकों में सबसे अधिक खतरा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चशोती में यात्रा की वजह से काफी जान का नुकसान हुआ। आगे ऐसे हालात न बने और अगर बने तो ज्यादा नुकसान न हो, इसलिए एक विशेषज्ञ की टीम गठित करके एक रिपोर्ट मांगी जाएगी। बता दें कि किश्तवाड़ आपदा में 60 से अधिक की मौत हुई है।