
अलविदा 2022: यूक्रेन युद्ध से चीन में प्रदर्शन तक, वैश्विक जगत की 5 सबसे बड़ी घटनाएं
क्या है खबर?
समय का पहिया गतिशील है और एक-एक दिन करके एक और साल निकल गया। हर साल की तरह 2022 में भी विश्व में कई ऐसी घटनाएं हुईं जिन्होंने गहरा असर छोड़ा।
एक-दो घटनाएं तो ऐसी रहीं जिनका असर आने वाले कुछ सालों तक देखने को मिलेगा, वहीं कुछ घटनाओं ने इतिहास रचने का काम किया।
आइए आपको 2022 की विश्व जगत की पांच सबसे बड़ी घटनाओं के बारे में बताते हैं।
#1
रूस-यूक्रेन युद्ध
साल की शुरुआत से ही रूस और यूक्रेन में युद्ध की आशंका बनी हुई थी और 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला करके रूस ने इस आशंका को हकीकत का रूप दे दिया।
NATO में शामिल होने के लिए यूक्रेन की मुहिम जैसे कारणों की वजह से रूस ने यूक्रेन पर हमला किया।
इस युद्ध में अब तक दोनों तरफ के हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं, वहीं यूक्रेन के लाखों नागरिक विस्थापित हुए हैं।
यूक्रेन युद्ध
युद्ध का दुनिया पर क्या असर हुआ?
यूक्रेन युद्ध का आर्थिक असर पूरी दुनिया पर देखने को मिला। पश्चिमी देशों के रूस से तेल और गैस खरीदने पर पाबंदी लगाने के कारण दुनियाभर में महंगाई बढ़ गई।
इसके अलावा रूस के यूक्रेन से अनाज निर्यात न होने देने के कारण खाद्य संकट पैदा हुआ और खाने के सामान की कीमतें आसमान पर पहुंच गईं।
पूरी दुनिया अभी भी युद्ध के कारण पैदा हुई इस महंगाई से जूझ रही है और इससे आर्थिक मंदी आने की आशंका है।
जानकारी
युद्ध की अभी क्या स्थिति?
रूस यूक्रेन पर कब्जा करने में नाकाम रहा है और पिछले कुछ महीनों में यूक्रेनी सेना ने अधिकांश शहरों को उसके कब्जे से छुड़ा लिया। रूस अभी भी यूक्रेनी शहरों पर मिसाइलें बरसाता रहता है, लेकिन जमीन पर उसकी स्थिति ठीक नहीं है।
#2
ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन
अपने कट्टर इस्लामिक नियमों के लिए चर्चित ईरान में इस साल महिलाओं ने हिजाब और अन्य पाबंदियों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया।
सितंबर में नैतिकता पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद ये प्रदर्शन शुरू हुए।
अमिनी ने हिजाब नहीं पहना था, जिसके कारण नैतिकता पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और उनकी बेरहमी से पिटाई की गई।
पिटाई में अमिनी गंभीर रूप से घायल हुईं और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।
ईरान हिजाब प्रदर्शन
प्रदर्शनों की अभी क्या स्थिति और इनका क्या असर हुआ?
हिजाब विरोधी प्रदर्शन के दौरान ईरानी महिलाओं ने सार्वजनिक तौर पर हिजाब उतारकर, डांस करके और बालों को काटकर अपने दमन के खिलाफ आवाज उठाई।
उनका ये प्रदर्शन अभी भी जारी है और सुरक्षाबलों की हिंसक कार्रवाई में कई महिलाओं की मौत हो चुकी है। ईरानी सरकार ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर फांसी की सजा भी सुनाई है।
हालांकि प्रदर्शनकारियों को एक बड़ी जीत भी मिली है और सरकार ने नैतिकता पुलिस को खत्म कर दिया है।
#3
ब्रिटेन की राजनीतिक अस्थिरता
ब्रिटेन की राजनीतिक अस्थिरता भी इस साल अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रही और महज चंद हफ्तों के अंदर देश के दो प्रधानमंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा।
सबसे पहले जुलाई में अनैतिक आचरण के कारण अपनी ही कंजर्वेटिव पार्टी में घिरे बोरिस जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
उनकी जगह पर लिज ट्रस देश की प्रधानमंत्री बनीं, लेकिन आर्थिक संकट से निपटने में नाकाम रहने के कारण उन्होंने भी महज 45 दिन बाद 20 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया।
मौजूदा स्थिति
ब्रिटेन में अभी क्या स्थिति?
लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने। वह भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री हैं।
सुनक इससे पहले जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री थे और उनके इस्तीफे से ही जॉनसन का पतन शुरू हुआ था।
सुनक के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी ब्रिटेन की राजनीतिक अस्थिरता खत्म नहीं हुई है और उन्हें भी अपनी ही पार्टी के सांसदों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
#4
एलन मस्क ने ट्विटर खरीदा
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क के ट्विटर खरीदने का सौदा भी खूब सुर्खियों में रहा।
अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतंत्रता के समर्थक मस्क ट्विटर के बड़े आलोचक रहे हैं और इसमें सुधारों का सुझाव देते हुए ही उन्होंने इसे खरीदने का ऑफर दिया था।
हालांकि जुलाई में ट्विटर पर बॉट अकाउंट्स का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सौदे को रद्द कर दिया।
कोर्ट के दखल के बाद अंत में अक्टूबर में उन्होंने 44 अरब डॉलर में ट्विटर को खरीद लिया।
#5
चीन में कोविड पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन
2022 में एक ऐसी चीज भी देखने को मिली जो बेहद दुर्लभ है- चीन में सरकार और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ प्रदर्शन।
सरकार की जीरो कोविड नीति से परेशान लाखों चीनी नागरिक नवंबर में सड़कों पर उतर आए। कुछ जगहों पर जिनपिंग के खिलाफ नारेबाजी भी हुई।
शिंजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में एक इमारत में आग लगने से 10 लोगों की मौत के बाद ये प्रदर्शन शुरु हुए और फिर बीजिंग और शंघाई जैसे शहरों में फैल गए।
चीन में प्रदर्शन
चीन में अभी क्या स्थिति?
विरोध-प्रदर्शन और लॉकडाउन के आर्थिक असर को देखते हुए चीनी सरकार ने दिसंबर की शुरूआत में जीरो कोविड नीति को समाप्त करते हुए कई बड़ी पाबंदियों को हटा दिया।
इससे प्रदर्शन तो थम गए, लेकिन चीन में कोरोना वायरस संक्रमण की ऐसी लहर आई है जो दुनिया में अभी तक कहीं नहीं देखी गई।
इम्युनिटी की कमी के कारण देश में अभी एक दिन में करोड़ों लोग संक्रमित हो रहे हैं और अस्पताल और श्मशान भर गए हैं।
अन्य मामले
ये मामले भी सुर्खियों में रहे
अप्रैल में पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार का तख्तापलट भी खूब सुर्खियों में रहा। सहयोगियों की बगावत के बाद उनकी कुर्सी गई।
जुलाई में जापान में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या और अगस्त में न्यूयॉर्क में ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हमला भी सुर्खियों में छाए रहे।
अगस्त में अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी का ताइवान दौरा भी खूब चर्चा में रहा जिसके कारण चीन और अमेरिका आमने-सामने आ गए।