जीरो-कोविड नीति के खिलाफ प्रदर्शनों के बाद पाबंदियां कम करने पर विचार कर रहा चीन
क्या है खबर?
चीन में पिछले कुछ दिनों से जीरो-कोविड नीति के खिलाफ लोग सड़कों पर हैं। इसे देखते हुए यहां लॉकडाउन जैसी कड़ी पाबंदियों से राहत दी जा सकती है।
कई अधिकारियों और शहरों की तरफ से ऐसे संकेत मिले हैं कि आने वाले दिनों में पाबंदियों को कम किया जा सकता है।
अधिकारियों ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कमजोर पड़ रहा है और वैक्सीनेशन की गति रफ्तार पकड़ रही है। इस नई स्थिति में नए कदमों की जरूरत है।
पृष्ठभूमि
10 लोगों की मौत के बाद उग्र हुए थे प्रदर्शन
चीन में पिछले कुछ दिन से सरकार की जीरो-कोविड नीति के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इस नीति के तहत थोड़े मामले सामने आने पर भी लॉकडाउन जैसी कड़ी पाबंदियां लगाई जाती हैं। इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।
बीते सप्ताह शिंजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में एक इमारत में आग लगने से 10 लोगों की मौत के बाद ये प्रदर्शन शुरू हुए हैं। आरोप है कि ये लोग पाबंदियों के कारण इमारत से बाहर नहीं निकल पाए थे।
चीन
अधिकारियों ने दिए ढिलाई के संकेत
पाबंदियों के विरोध बीजिंग, शंघाई और ग्वागंझो आदि बड़े शहरों में प्रदर्शन हुए थे। अधिकारियों ने प्रदर्शनों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने ऐसे भी संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में पाबंदियां कम की जा सकती हैं।
राजधानी बीजिंग में निवासियों को नियमों में कुछ ढील दी गई है। घर से काम करने वाले लोग, ऑनलाइन पढने-पढ़ाने वाले छात्र और शिक्षक और बुजुर्गों को अब रोजाना कोरोना टेस्ट नहीं कराना होगा।
बीजिंग
कई जगह क्वारंटीन के नियमों से मिली ढील
बीजिंग में अभी भी लोगों को कैफे, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल्स जैसी सार्वजनिक जगहों पर जाने से 48 घंटे पहले कोरोना टेस्ट करवाना होता है। अभी इस नियम में ढील को लेकर जानकारी नहीं मिली है, लेकिन क्वारंटीन में कुछ ढील दी सकती है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्वांगझो और बीजिंग में संक्रमित मरीजों को संस्थागत क्वारंटीन की जगह घरों पर क्वारंटीन होने की छूट दी जा सकती है।
ढिलाई
ग्वांगझो में भी रोजाना टेस्टिंग की पाबंदी हटी
मंगलवार रात को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के गवाह बने ग्वांगझो में भी उन लोगों को रोजाना टेस्ट नहीं करवाना होगा, जो घर से बाहर नहीं निकलते हैं।
गुरुवार को हाइजु जिले ने भी ऐलान किया कि मेडिकल, सैनिटरी और सामानों की डिलीवरी से जुड़े लोगों को छोड़कर बाकियों को रोज कोरोना टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हाइजु उन जिलो में शामिल हैं, जहां चीन की जीरो-कोविड नीति के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे।
बदलाव
कोरोना के साथ रहना सीख रहा चीन
ग्वांगझो में हफ्तों से चल रहा लॉकडाउन बीते दिन हटा लिया गया है। कोरोना वायरस मामलों में बढ़ोतरी के बाद भी यहां के 11 जिलों से पाबंदियां हटा ली गई हैं। कई अन्य शहरों में भी होम क्वारंटीन की इजाजत दे दी गई है।
कई जानकारों का कहना है कि ये सारे कदम संकेत दे रहे हैं कि चीन जीरो-कोविड नीति से हटकर कोरोना के साथ रहने की नीति की तरफ बढ़ रहा है।
जानकारी
जीरो-कोविड नीति से अर्थव्यवस्था पर पड़ा था नकारात्मक असर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार तक चीन में लगभग 41 करोड़ लोग लॉकडाउन के चलते प्रभावित थे। वहीं अर्थव्यवस्था की बात करें तो 20 प्रतिशत अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन के चलते नकारात्मक असर पड़ा है।
कोरोना संकट
दुनिया में क्या है महामारी की स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस के 64.39 करोड़ मामले दर्ज हो चुके हैं और 66.38 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
9.89 करोड़ मामले और 10.81 लाख मौतों के साथ अमेरिका दुनिया का सर्वाधिक प्रभावित देश बना हुआ है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है।
वहीं चीन में आधिकारिक तौर पर 37.64 लाख लोग संक्रमित पाए गए हैं और 16,000 की मौत हुई है।