जिनपिंग और पुतिन की मुलाकात के बाद यूक्रेन युद्ध को लेकर क्यों चिंतित है अमेरिका?
क्या है खबर?
यूक्रेन युद्ध के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मॉस्को पहुंचे और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले। दोनों के बीच आधिकारिक बैठक भी हुई।
मुलाकात के दौरान चीन ने रूस के सामने एक शांति प्रस्ताव भी रखा। इस प्रस्ताव ने अमेरिका को असहज स्थिति में डाल दिया है। अमेरिका को डर है कि युद्ध से डरी दुनिया चीन के इस शांति प्रस्ताव का स्वागत कर सकती है।
डर
अमेरिका को क्या है डर?
रूस की यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने युद्ध समाप्त करने के लिए शांति प्रस्ताव पेश किया था।
इस पर एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "अमेरिका को डर है कि इस प्रस्ताव के बाद वो अलग-थलग पड़ जाएगा। इसे खारिज करने के बाद चीन दूसरे देशों से बहस कर सकता है, जो पहले से ही युद्ध से परेशान हैं और इसका ठीकरा अमेरिका पर फोड़ सकता है कि अमेरिका को क्षेत्र में शांति स्थापित करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।"
छवि
अमेरिका की छवि बिगाड़ने की कोशिश होगी- विशेषज्ञ
अमेरिका के सेंटर फॉर स्ट्रैटिजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के बोनी लिन के मुताबिक, "अगर अमेरिका इस शांति प्रस्ताव पर आपत्ति जताता है तो चीन संभवत: यह संदेश देगा कि अमेरिका संघर्ष विराम का विरोध कर रहा है और युद्ध जारी रखना चाहता है। रूस-चीन की बैठक में से जो कुछ भी निकलकर आएगा, उसे इस तरह प्रसारित करने की कोशिश रहेगी, जिससे अमेरिका की दुनिया के सामने नकारात्मक छवि बने।"
प्रस्ताव
चीन के शांति प्रस्ताव पर रूस ने क्या कहा?
चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद पुतिन ने 12-सूत्रीय शांति प्रस्ताव की तारीफ करते हुए कहा था कि वह यूक्रेन से बातचीत के लिए तैयार है।
पुतिन ने कहा था, "शांति प्रस्ताव के कई प्रावधानों को शांतिपूर्ण समाधान के आधार के रूप में लिया जा सकता है, लेकिन ये तभी हो सकता है जब यूक्रेन और उसका साथ देने वाले बाकी पश्चिमी देश इसके लिए तैयार होंगे। हालांकि, अभी तक हमने उनकी ओर से ऐसी तत्परता नहीं देखी है।"
प्रतिक्रिया
अमेरिका ने मुलाकात को बताया था 'समझौते वाली शादी'
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने जिनपिंग-पुतिन की मुलाकात पर कहा था, "पिछले कुछ वर्षों में ये दोनों देश करीब आ रहे हैं। मैं इसे गठबंधन नहीं कहूंगा। हां, यह अमेरिका के खिलाफ एक समझौते वाली शादी की तरह है, कम से कम मुझे तो ऐसा ही लगता है। चीनी राष्ट्रपति रूस में और रूसी राष्ट्रपति चीन में महाद्वीप और दुनिया में अमेरिका और NATO के प्रभाव का सामना करने की संभावना देखते हैं।"
संबंध
तनावपूर्ण हैं अमेरिका और चीन के संबंध
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में शुरू हुए व्यापार युद्ध के कारण अमेरिका-चीन के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। पिछले कुछ समय में हुए जासूसी गुब्बारों वाली घटना के बाद दोनों देशों के बीच संबंध बेहद मुश्किल दौर में पहुंच गए हैं।
हालांकि, पिछले साल इंडोनेशिया में जिनपिंग और जो बाइडन ने शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीन के राजनयिक वांग यी के बीच म्यूनिख में बैठक हुई थी।