अमेरिका ने मार गिराया जासूसी गुब्बारा, चीन ने बताया अंतरराष्ट्रीय मापदंडों का उल्लंघन
अमेरिका ने शनिवार को अपने लड़ाकू विमान की मदद से चीन के जासूसी गुब्बारे को दक्षिण कैरोलिना के तट के पास मार गिराया। इसके बाद गुब्बारे का मलबा समुद्र में गिर गया। वहीं, चीन ने अमेरिका पर अंतरराष्ट्रीय मापदंडों का गंभीर उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। बता दें कि यह गुब्बारा पिछले कुछ दिनों से अमेरिका के पश्चिमी राज्य मोंटाना की कथित तौर पर निगरानी करते हुए संवेदनशील स्थानों के ऊपर से उड़ान भर रहा था।
कैसे गिराया गया चीन का जासूसी गुब्बारा?
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि चीन के जासूसी गुब्बारे को मार गिराने की कार्रवाई में अमेरिकी वायुसेना के कई लड़ाकू विमान शामिल थे। वर्जीनिया के लैंगली एयरफोर्स बेस से उड़ान भरने वाले एक F-22 लड़ाकू विमान ने गुब्बारे को मार गिराया। इसके लिए AIM-9X सुपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था। बता दें कि गुब्बारे को अटलांटिक महासागर के अमेरिकी तट से लगभग छह समुद्री मील की दूरी पर पानी में गिराया गया था।
यहां देखें गुब्बारा गिराए जाने का वीडियो
चीन ने क्या कहा?
चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका द्वारा जासूसी गुब्बारे गिराए जाने पर प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "हम अमेरिका द्वारा चीन के मानवरहित सिविलियन एयरशिप पर बलपूर्वक कार्रवाई करने पर असंतोष जाहिर करते हुए इसका सख्त विरोध करते हैं। अमेरिका की प्रतिक्रिया अतिवादी रही और यह अंतरराष्ट्रीय मापदंडों का गंभीर उल्लंघन था। हम इस मामले में जरूरी प्रतिक्रिया देने का अधिकार अपने पास सुनिश्चित रखते हैं।"
अब आगे क्या होगा?
एक अधिकारी ने बताया कि चीनी गुब्बारे का मलबा समुद्र में सात मील की दूरी और 47 फीट की गहराई तक समुद्र में फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गुब्बारे में लगे उपकरणों के टुकड़ों को खोजकर उनके विश्लेषण का काम शुरू किया जाएगा। इनसे पता चल सकेगा कि गुब्बारे से किस तरह निगरानी की जा रही थी। बता दें कि खोजबीन के लिए कई अमेरिकी सैन्य जहाज पहले से ही अटलांटिक महासागर में तैनात हैं।
क्या होते हैं जासूसी गुब्बारे?
जासूसी गुब्बारे बेहद ऊंचाई पर उड़ने वाले मौसम का अनुमान लगाने वाले गुब्बारे जैसे ही होते हैं, लेकिन इनमें उपकरणों का फर्क होता है। इनमें कैमरा और राडार जैसे उपकरण लगे होते हैं। इन्हें सामान्य राडार से पकड़ पाना मुश्किल होता है और ये आमतौर पर 80,000-1,20,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं। इतनी ऊंचाई पर कोई विमान नहीं जाता। अमेरिका ने भी अपने दुश्मनों पर नजर रखने के लिए ऐसे गुब्बारों की मदद ली है।