जिनपिंग और इमरान के बीच मुलाकात के बाद चीन बोला- कश्मीर पर एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ
चीन ने एक बार फिर से कश्मीर के मामले में दखल देने की कोशिश की है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच मुलाकात के बाद जारी किए गए साझा बयान में चीन ने कहा कि वह कश्मीर मुद्दे पर किसी भी एकतरफा कार्रवाई के खिलाफ है और इससे परिस्थितियां जटिल हो सकती हैं। जिनपिंग ने यह भी कहा कि चीन संप्रभुता और गरिमा की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान के साथ है।
चीन ने कहा- कश्मीर अतीत से मिला विवाद
चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन और पाकिस्तान ने साझा बयान में कहा, "(बैठक में) पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू कश्मीर में स्थिति पर ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया। चीन ने फिर से कहा कि कश्मीर मुद्दा अतीत से मिला विवाद है और इसका UN चार्टर, सुरक्षा परिषद के संकल्पों और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर उचित और शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए। चीन स्थिति को और जटिल करने वाली किसी भी एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध करता है।"
चीन ने कहा- CPEC पर पाकिस्तान के साथ करीबी सहयोग करते रहेंगे
बैठक में चीन ने 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर पाकिस्तान के साथ करीबी सहयोग की प्रतिबद्धता भी जाहिर की है, हालांकि उसने इसके निर्माण की धीमी रफ्तार और चीनी सैनिकों पर हमलों पर चिंता व्यक्त की। इस पर पाकिस्तान ने अपने देश में मौजूद चीन के सभी सैनिकों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। दोनों देशों ने CPEC को सभी खतरों से बचाने का संकल्प भी लिया।
चीन और पाकिस्तान में सैन्य सहयोग को जारी रखने पर भी बनी सहमति
बैठक में दोनों पक्ष अपनी सेनाओं के बीच विभिन्न स्तर के रक्षा सहयोग को आगे भी जारी रखने पर सहमत हुए। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच मजबूत रक्षा सहयोग क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए अहम है। बता दें कि हालिया समय में चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बनकर उभरा है और उसने उसे टैंक, लड़ाकू विमान और पनडुब्बी समेत कई तरह के हथियार सप्लाई किए हैं।
चीन के चार दिवसीय दौरे पर आए थे इमरान खान
बता दें कि इमरान खान चीन के चार दिवसीय दौरे पर आए थे और अपने दौरे के आखिरी दिन उन्होंने जिनपिंग से मुलाकात की। ये प्रधानमंत्री के तौर पर उनका चीन का चौथा दौरा था और इससे पहले वे अक्टूबर, 2019 में यहां आए थे।
कश्मीर मामले में चीन के दखल का विरोध करता रहा है भारत
चीन के नए बयान पर तो भारत की अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन वो कश्मीर मामले में चीन के दखल का विरोध करता रहा है। भारत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अपने अभिन्न अंग बताता है। भारत ने जुलाई, 2021 में चीन और पाकिस्तान के साझा बयान में CPEC के जिक्र का भी विरोध किया था और कहा था कि ये पाकिस्तान द्वारा अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र में बनाया जा रहा है।