सरकार ने प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और चाय का सेवन करने से किया मना, जानिए कारण
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हीटवेव से बचने के लिए 28 फरवरी को एडवाइजरी जारी की है। इसमें गर्मी से बचने लिए खास दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उच्च तापमान में शारीरिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए सरकार ने हाई प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और चाय के सेवन से परहेज करने की सलाह दी हैं। यदि आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि गर्मियों में इनके सेवन से क्या नुकसान हो सकता है, तो इस खबर को आखिर तक पढ़ें।
प्रोटीन का अधिक सेवन क्यों न करें?
जिम जाने और वजन कम करने वाले लोगों को अक्सर प्रोटीन का सेवन अधिक करने की सलाद दी जाती है। हालांकि, सरकार की ओर से जारी हीटवेव एडवाइजरी में आगामी गर्मियों में प्रोटीन के अधिक सेवन से बचने के लिए कहा गया है। इसका कारण है कि अधिक गर्मी और डिहाइड्रेशन के कारण प्रोटीन को आसानी से पचाया नहीं जा सकता है। इस कारण लोगों को असहज और बीमार होने जैसा महसूस होने लगता है।
चाय या कॉफी जैसे पेय का सेवन क्यों न करें?
सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी में शराब, चाय, कॉफी और उच्च चीनी वाले कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे पेय से बचने की सलाह दी गई है। इसका कारण है कि इनके सेवन से शरीर के अधिक तरल पदार्थ की हानि होती है और इससे पेट में ऐंठन भी हो सकती है। दरअसल, चाय में भारी मात्रा में दूध और चीनी होती है। यह शरीर का तापमान बढ़ा देते हैं और इससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
गर्मियों में रिफ्रेशमेंट के लिए कौनसे पेय पदार्थों का सेवन सही रहता है?
गर्मियों में घर पर मेहमान आने पर या खुद के रिफ्रेशमेंट के लिए चाय या कॉफी आम है, लेकिन अब इनकी जगह अन्य विकल्पों को चुनना जरूरी हो गया है। इसके लिए आप चीनी रहित ब्लैक टी, ग्रीन टी या फिर कोल्ड आइस्ड टी का सेवन कर सकते हैं। ये उच्च तापमान में आपको तरोताजा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं। गर्मी में हाइड्रेशन के लिए इन पेय के अलावा पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स भी बेहद फायदेमंद है।
विशेषज्ञ गर्मियों में क्या खाने की सलाह देते हैं?
विशेषज्ञों के मुताबिक, गर्मियों में उच्च तापमान से डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट हानि हो सकती है। इससे बचने के लिए कई प्रकार के ताजा फल, मौसमी सब्जियां और सूप का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा डाइट में ठंडा शरबत, छाछ, नारियल का पानी, कोकम पानी और फलों के रस भी शामिल करें। ये खाद्य पदार्थ इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बहाल करने में प्रभावी होते हैं। इसके साथ ही पर्याप्त पानी का सेवन भी जरूरी है।
क्या होती है हीटवेव?
IMD के अनुसार, तापमान में वृद्धि और मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री, पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री और तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री से अधिक होने पर संबंधित इलाकों को हीटवेव की चपेट में माना जाता है। इसी तरह जब किसी इलाके में तापमान सामान्य से 4.5 से 6 डिग्री ऊपर पहुंचता है तो हीटवेव क्षेत्र घोषित किया जाता है। इस दौरान इन इलाकों में तेज गर्मी के साथ गर्म हवाओं के थपेड़े लोगों को बेहाल करते हैं।