कोरोना: अब दूसरी खुराक के छह महीने बाद लगवा सकेंगे बूस्टर खुराक, सरकार ने बदले नियम
क्या है खबर?
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने बूस्टर खुराक पर बड़ा कदम उठाया है।
सरकार ने महामारी से बचाव के लिए बूस्टर खुराक के लिए आवश्यक नौ महीने के अंतर को कम करते हुए छह महीने कर दिया है।
ऐसे में अब 18 साल से अधिक उम्र के लोग कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लगवाने के छह महीने बाद ही बूस्टर खुराक लगवा सकेंगे।
सरकार ने बुधवार को नियमों में बदलाव का ऐलान किया है।
फैसला
सरकार ने NTAGI की सिफारिश पर लिया है फैसला
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को लिखे पत्र में कहा है कि वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) की स्थायी तकनीकी उप समिति (STSC) ने दूसरी खुराक और बूस्टर शॉट के बीच के अंतर को नौ महीने या 39 सप्ताह की जगह छह महीने या 26 सप्ताह करने की सिफारिश की है।
महामारी के बचाव के लिए सरकार ने इस सिफारिश को मान लिया गया है।
बदलाव
स्वास्थ्य मंत्रालय ने CoWIN सिस्टम में भी किया है बदलाव
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने पत्र में कहा कि सरकार ने सिफारिशों को मानने के साथ ही नए नियमों से बूस्टर खुराक लगाने के लिए कोविन (CoWIN) सिस्टम में भी इसी तरह के बदलाव किए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय के बाद अब 18-59 साल के सभी लोग निजी वैक्सीनेशन केंद्रों पर वैक्सीन की दूसरी खुराक लगाने के छह महीने या 26 सप्ताह बाद ही बूस्टर खुराक लगवा सकेंगे। राज्यों को इसकी तैयारी करनी चाहिए।
जानकारी
60 साल से अधिक उम्र वालों के सरकारी केंद्रों पर लगेगी बूस्टर खुराक
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के साथ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को सरकारी केंद्रों पर दूसरी खुराक लगने की तारीख से छह महीने या 26 सप्ताह बाद बूस्टर खुराक मुफ्त लगाई जा सकेगी।
कारण
सरकार ने क्यों कम किया है अंतर?
बता दें हाल ही में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब-वेरिएंट BA.2.75 के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। कई राज्यों में संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है।
ऐसे में केंद्र सरकार ने बिना देरी किए बूस्टर खुराक के लिए आवश्यक नौ महीने के अंतर को कम करने का फैसला किया है।
ओमिक्रॉन के इस सब-वेरिएंट के चलते देश में पिछले हफ्ते के भीतर एक लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं।
सिफारिश
12 साल से कम उम्र के बच्चों के वैक्सीनेशन की भी सिफारिश
NTAGI ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी वैक्सीन लगाने की सिफारिशें दी हैं। NTAGI के सूत्रों ने कहा कि 12-17 आयु वर्ग में कम वैक्सीन लगाई जा रही है और वह इसमें सुधार के पक्ष में हैं।
इस आयु वर्ग के लोगों को 12 साल की आयु वर्ग वालों की तुलना में ज्यादा खतरा है।
बूस्टर खुराक के रूप में कोर्बेवैक्स के उपयोग पर NTAGI की ओर से अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है।
पृष्ठभूमि
भारत में 10 अप्रैल से लगना शुरू हुई थी बूस्टर खुराक
देश में महामारी की चौथी लहर की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने गत 8 अप्रैल को आदेश जारी कर 10 अप्रैल से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को बूस्टर डोज लगवाने की अनुमति दी थी।
हालांकि, वर्तमान में यह निजी वैक्सीनेशन केंद्रों पर ही लगाई जा रही है और इसके लिए अधिकतम 375 रुपये लिए जा रहे हैं।
इसमें 225 रुपये बूस्टर डोज की कीमत और 150 रुपये वैक्सीनेशन केंद्रों का सेवा शुल्क शामिल है।