झुलसा देने वाली गर्मी से लोगों का हाल बेहाल, दिल्ली में 47 डिग्री पहुंचा पारा
पिछले दिनों देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में बेतहाशा गर्मी के कारण लोगों का हाल बेहाल है। उत्तर भारत के कई इलाकों में चल रही हीटवेव के बीच दिल्ली में शनिवार को औसतन तापमान 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यहां के मुंगेशपुर इलाके में तापमान 47.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली और अन्य राज्यों में में फिलहाल गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
राजधानी के किस इलाके में कितना रहा तापमान?
दिल्ली के सफदरजंग इलाके में शुक्रवार को तापमान 43.9 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि गुरुवार को यहां का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस था। यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में तापमान 46.9 डिग्री दर्ज किया गया, वहीं पीतमपुरा में 46.5 डिग्री सेल्सियस, नजफगढ़ में 46.2 डिग्री सेल्सियस, जाफरपुर में 45.7 डिग्री सेल्सियस और रिज में 45.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। राजधानी का सबसे गर्म इलाका 47.1 डिग्री सेल्सियस के साथ मुंगेशपुर रहा।
मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
मौसम विभाग ने रविवार को दिल्ली में येलो अलर्ट जारी कर दिया है। दिल्ली के कई इलाको में लोगों को हीटवेव से बचकर अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा अगले चार से पांच दिनों में तापमान और बढ़ सकता है। अभी आसमान स्पष्ट रुप से साफ दिखाई दे रहा है, जिसके कारण तापमान और बढ़ने का अनुमान है। यानी अभी गर्मी लोगों के और पसीने छुड़ाएगी।
मौसम विभाग ने क्या कहा?
जलवायु परिवर्तन और मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा की राजस्थान, मध्य प्रदेश, दक्षिण उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और दिल्ली से सटे इलाकों में हीटवेव वापस आ गई हैं।
क्या होती है कलर कोड चेतावनी?
IMD मौसम की चेतावनियों के लिए चार रंग के कोड का उपयोग करता है। ग्रीन- ग्रीन रंग का मतलब होता है कि सबकुछ सामान्य है और चेतावनी की आवश्यकता नहीं। येलो- येलो रंग के तहत लोगो को सचेत रहने को कहा जाता है। ऑरेंज- इस अलर्ट का मतलब है कि खतरा आने की पूरी संभावना है। आप तैयार रहें। रेड- यह अलर्ट खतरनाक स्थिति के बारे में होता है। लोगो को सुरक्षित जगहों पर जाने को कहा जाता है।
क्या होती है हीटवेव?
IMD के अनुसार, तापमान में वृद्धि और मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री, पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री और तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री से अधिक होने पर संबंधित इलाकों को हीटवेव की चपेट में माना जाता है। इसी तरह जब किसी इलाके में तापमान सामान्य से 4.5 से छह डिग्री ऊपर पहुंचता है तो हीटवेव क्षेत्र घोषित किया जाता हैं। तापमान के सामान्य से 6.4 डिग्री से अधिक होने पर गंभीर हीटवेव की घोषणा की जाती है।