
NATO में शामिल होने की मांग छोड़ने को तैयार है यूक्रेन- जेलेंस्की
क्या है खबर?
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि उनका देश NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) में शामिल होने की मांग छोड़ने को तैयार है।
बता दें कि रूस को यूक्रेन का NATO के करीब जाना पसंद नहीं था और फिलहाल जारी युद्ध की एक बड़ी वजह यही है।
इसके अलावा जेलेंस्की रूस द्वारा स्वतंत्र घोषित किए दो क्षेत्रों की स्थिति पर 'समझौता' करने को भी तैयार नजर आ रहे हैं।
आइये पूरी खबर जानते हैं।
बयान
यूक्रेन को स्वीकार करने को तैयार नहीं NATO- जेलेंस्की
एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें समझ आ गया था कि NATO यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। इसके बाद उन्होंने NATO में शामिल होने की इच्छा को त्याग दिया था।
उन्होंने कहा कि वो ऐसे देश के राष्ट्रपति नहीं रहना चाहते, जो घुटनों के बल बैठकर किसी चीज की भीख मांग रहा हो।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि NATO विवादित चीजों और रूस के साथ टकराव से डरता है।
जानकारी
NATO क्या है?
NATO अमेरिका और उसके सहयोगियों का एक सैन्य गठबंधन है।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसका गठन किया गया था। इसका सबसे प्रमुख प्रावधान ये है कि अगर कोई भी NATO में शामिल किसी एक देश पर हमला करता है तो इसे सभी 30 सदस्य देशों पर हमला माना जाएगा।
रूस इसलिए NATO से चिढ़ता है क्योंकि 1949 में इसका गठन सोवियत संघ के विस्तार को रोकने के लिए किया गया था।
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विद्रोही इलाकों को मान्यता देने पर क्या बोले जेलेंस्की?
युद्ध शुरू करने से पहले रूस ने यूक्रेन के दो विद्रोही इलाकों लुहान्स्क और दोनेत्स्क को स्वतंत्र क्षेत्र के तौर पर मान्यता दी थी। रूस की मांग है कि अब यूक्रेन भी उन्हें मान्यता दे।
रूस की इस मांग पर जेलेंस्की ने कहा कि वो बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "रूस के अलावा किसी ने भी इनको मान्यता नहीं दी है, लेकिन इस पर बात कर ऐसे समझौते पर आ सकते हैं कि ये कैसे रहेंगे।"
बयान
जेलेंस्की बोले- सामने आकर बात करें पुतिन
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, "मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि उन क्षेत्रों के लोग कैसे रहेंगे, कौन यूक्रेन का हिस्सा बनना चाहता है, यूक्रेन में कौन है, जो ये कहेगा कि उन्हें वो हिस्से देश में चाहिए। ऐसे में सवाल उन्हें मान्यता देने से कहीं मुश्किल है।"
उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सामने आकर बातचीत करनी चाहिए। बता दें कि लुहांस्क और दोनेत्सक, दोनों ही जगह अभी रूस समर्थित विद्रोहियों का नियंत्रण है।
यूक्रेन युद्ध
युद्ध की क्या स्थिति?
यूक्रेन पर रूस का आक्रमण बीते दो हफ्तों से जारी है और कई शहरों पर भीषण हमले किए जा रहे हैं।
स्थानीय मीडिया का दावा है कि रूस के हमले शुरू होने के बाद से अब तक 1,300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
दूसरी तरफ रूस पर प्रतिबंध बढ़ते जा रहे हैं। अमेरिका ने रूस से तेल-गैस का आयात बंद करने का ऐलान किया है। ब्रिटेन ने भी ऐसा ही कदम उठाया है।