यूक्रेन-रूस युद्ध: अमेरिका ने रूस से आयात होने वाले तेल-गैस पर लगाई पाबंदी
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के बीच अलग-अलग देशों की पाबंदियां झेल रहे रूस पर एक और आर्थिक हमला हुआ है। दरअसल, अमेरिका ने रूस से आयात होने वाले तेल, गैस और एनर्जी पर पाबंदी लगा दी है। अमेरिका के इस प्रतिबंध का उद्देश्य यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालना है। बता दें, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की रूस से आयात खत्म करने की अपील कर चुके हैं।
क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इन पाबंदियों के बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "हम रूस के गैस, तेल और ऊर्जा के आयातों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। हम इस प्रतिबंध के साथ आगे बढ़ रहे हैं, यह समझते हुए कि हमारे कई यूरोपीय सहयोगी और भागीदार हमसे जुड़ने की स्थिति में न हो।" उन्होंने कहा कि रूसी तेल अब अमेरिकी बंदरगाहों पर स्वीकार्य नहीं होगा। अमेरिकी लोग पुतिन की युद्ध मशीन को एक और झटका देंगे।
रूस के तेल पर कितना निर्भर है अमेरिका?
बता दें कि रूसी तेल पर अमेरिका की निर्भरता ज्यादा नहीं है। अमेरिकन फ्यूल एंड पेट्रोकेमिकल मैन्युफैक्चरर्स (AFPM) ट्रेड एसोसिएशन के मुताबिक 2021 में रूस से अमेरिका में जो तेल आया, वो अमेरिका के क्रूड ऑयल आयात का केवल 3 प्रतिशत था।
ब्रिटेन ने भी किया ऐलान
बाइडेन की घोषणा के तुरंत बाद ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन की तरफ से भी रूस के तेल पर निर्भरता को खत्म करने का ऐलान कर दिया गया है। प्रधानमंत्री जॉन्सन ने इस बारे में ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर अवैध आक्रमण के बाद पुतिन शासन को एक और आर्थिक झटका लगेगा, क्योंकि ब्रिटेन इस पूरे साल में रूस के तेल पर निर्भरता से दूर हो जाएगा।
रूस ने कही थी कीमतों में इजाफे की बात
इससे पहले प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस ने कहा था कि वह यूरोप को गैस सप्लाई देना बंद कर देगा और कच्चे तेल की कीमतों को 300 डॉलर प्रति बैरल पहुंचा सकता है। रूस के उप-प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने कहा था, "यह पूरी तरह से साफ है कि अगर रूसी तेल को रिजेक्ट किया गया तो वैश्विक बाजार पर इसके भयानक दुष्परिणाम होंगे। क्रूड ऑयल की कीमतों में ऐसी तेजी आएगी, जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।"
सबसे अधिक प्रतिबंध झेलने वाला देश बना रूस
यूक्रेन पर हमले के कारण रूस दुनिया में सबसे अधिक प्रतिबंध झेलने वाला देश बन गया है। प्रतिबंधों पर नजर रखने वाली 'कैसलम डॉट एआई' वेबसाइट के अनुसार, 22 फरवरी तक रूस पर 2,754 प्रतिबंध थे और वह ईरान के बाद दूसरे स्थान पर था। ईरान पर कुल 3,616 प्रतिबंध हैं। यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस अब 5,532 से ज्यादा प्रतिबंधों के साथ दुनिया का सबसे अधिक प्रतिबंध वाला देश बन गया है।