क्या है 'चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ' पद, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से की?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने भाषण में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद बनाए जाने की घोषणा की। इस कदम को सेना की संरचना में सबसे बड़े सुधार के रूप में देखा जा रहा है। देश की तीनों सेनाओं में बेहतर तालमेल के लिए इस पद के गठन की मांग काफी समय से चली आ रही थी। CDS क्या है और इसकी क्या जिम्मेदारियां होंगी, आइए जानते हैं।
तीनों सैन्य प्रमुखों के ऊपर होगा CDS का पद
CDS देश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से ऊपर का पद होगा, जो सैन्य बलों और प्रधानमंत्री के बीच संपर्क का माध्यम बनेगा। इसका काम तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना होगा, ताकि किसी संघर्ष या युद्ध की स्थिति में नुकसान को कम किया जा सके। प्रधानमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) को सीधे सलाह देना भी CDS की जिम्मेदारी का हिस्सा होगा।
इन देशों में पहले से लागू है CDS व्यवस्था
दुनिया के कई बड़े देशों में CDS पद की व्यवस्था पहले से है। सेना के सभी विभागों में बेहतर तालमेल के लिए अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, जापान और नाटो देशों की सेनाओं में CDS व्यवस्था पिछले काफी समय से काम कर रही है।
कारगिल युद्ध के बाद उठी थी CDS पद की मांग
भारत में तीनों सेनाओं के प्रमुख के तौर पर CDS पद बनाए जाने की मांग सबसे पहले कारगिल युद्ध के बाद उठी थी। युद्ध के बाद गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल समूह (GOM) ने CDS की स्थापना की सिफारिश की थी। सिफारिश में कहा गया था कि अगर कारगिल युद्ध के समय ये व्यवस्था होती तो भारतीय सेनाओं को हुए नुकसान को कम किया जा सकता था।
तीनों सेनाओं में नहीं बन पाई सहमति
इस सिफारिश के बाद तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने CDS पद बनाने की कोशिश की, लेकिन तीनों सेनाओं में इसे लेकर सहमति नहीं बनी। जहां थल सेनाध्यक्ष और नौसेना प्रमुख इसके समर्थन में थे, वायुसेना प्रमुख ने इसे लेकर असहमति जताई थी। आम सहमति न बनने के बाद CDS की जगह चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CoSC) का पद बनाया गया, लेकिन इसके पास CDS जितनी शक्तियां नहीं हैं। अभी वायुसेना प्रमुख बीरेंद्र सिंह धनोआ CoSC चैयरमेन हैं।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से चल रहा था काम
प्रधानमंत्री मोदी ने CDS पद बनाए जाने की घोषणा भले ही अब की हो, लेकिन इस पर काम मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही शुरू हो गया था। तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने 2 साल के अंदर ये पद बनाने की घोषणा की थी। हालांकि उनके खराब स्वास्थ्य के कारण इसमें देरी हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार, तीनों सेनाओं के प्रमुखों में से किसी एक को CDS बनाया जा सकता है।