रूस के हमले के बीच अधिकतर लोग यूक्रेन छोड़कर किन देशों में जा रहे हैं?
रूस के आक्रमण के बाद करीब 1.20 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर पोलैंड और दूसरे पड़ोसी देशों में जा चुके हैं। हजारों की संख्या में लोग यूक्रेन के भीतर ही एक स्थान से दूसरी जगह पर गए हैं। यूक्रेन छोड़कर जाने वाले अधिकतर लोग पोलैंड और मोल्डोवा जा रहे हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग स्लोवाकिया, हंगरी और रोमानिया में भी शरण ले रहे हैं। इन सभी देशों की सीमाओं पर कारों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
क्या है यूक्रेन की भौगोलिक स्थिति?
यूक्रेन यूरोप के पूर्वी हिस्से में स्थित है। यह तीन तरफ से रूस से घिरा हुआ है और मोल्डोवा, रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया, पोलैंड और बेलारूस से भी साझा करता है। रूस के बाद यह यूरोप का सबसे बड़ा देश है और यहां करीब 4.3 करोड़ लोग रहते हैं। इनमें से 67.5 प्रतिशत यूक्रेनियन और 29.6 प्रतिशत लोग रूसी भाषा बोलते हैं। रूसी भाषा बोलने वाले अधिकतर लोग देश के पूर्वी हिस्से में रूस से सटी सीमा के पास रहते हैं।
पोलैंड ने खोले अपने दरवाजे
युद्ध को देखते हुए यूक्रेन ने 18 से 60 साल की उम्र के लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। ऐसे में देश छोड़ रहे नागरिकों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। युद्ध से पहले ही यूक्रेन के करीब 15 लाख लोग पोलैंड में रह रहे थे। अब पोलैंड ने मदद के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं और यूक्रेन से लगती अपनी 535 किलोमीटर लंबी सीमा पर नौ रिसेप्शन सेंटर बनाए हैं।
करीब 50 लाख लोग छोड़ सकते हैं यूक्रेन
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि यूक्रेन से निकलकर दूसरे देशों में शरण मांगने वाले लोगों की संख्या 50 लाख तक पहुंच सकती है। कई यूरोपीय देशों ने यूक्रेनियन शरणार्थियों के लिए तैयारियां की है और मानवीय मदद देने का ऐलान किया है। अमेरिका ने भी कहा है कि वह आपातकालीन मदद दे रहा है, लेकिन यूरोप ही शरणार्थियों के लिए पहला ठिकाना होना चाहिए। आयरलैंड ने यूक्रेनियन नागरिकों के लिए वीजा पाबंदियां हटाने का ऐलान किया है।
यूक्रेन में युद्ध का आज चौथा दिन
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का आज चौथा दिन है। रूस की सेना लगातार राजधानी कीव के पास स्थित शहरों पर मिसाइलों से हमले कर रही है। रविवार सुबह कीव से 30 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित वेसिलकीव शहर में दो जोरदार धमाके हुए। यहां एक बड़ा एयरफील्ड और तेल के कई टैंकर हैं। रूस की सेना लगातार आगे बढ़ने का प्रयास कर रही है, लेकिन उसे यूक्रेन की तरफ से भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है।