यूक्रेन युद्ध: रूस NATO से इतनी नफरत क्यों करता है?
अमेरिका और पश्चिमी देशों की तमाम चेतावनियों और धमकियों को नजरअंदाज करते हुए आज सुबह रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। यूक्रेन को लेकर इस विवाद के पीछे नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) को सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है, जिसे रूस अपने सबसे बड़े दुश्मनों में से एक मानता है। NATO आखिर क्या है, रूस इससे इतनी नफरत क्यों करता है और मौजूदा संकट में उसकी क्या भूमिका है, आइए आपको विस्तार से समझाते हैं।
क्या है NATO?
NATO अमेरिका और उसके सहयोगियों का एक सैन्य गठबंधन है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 4 अप्रैल, 1949 को एक संधि के जरिए इसका गठन किया गया था। अमेरिका, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम (UK) समेत कुल 12 देशों ने इसकी स्थापना की थी। अभी इसके सदस्यों की संख्या 30 है। NATO का सबसे प्रमुख प्रावधान ये है कि अगर कोई इनमें से किसी एक देश पर हमला करता है तो इसे सभी देशों पर हमला माना जाएगा।
रूस के NATO से चिढ़ने की वजह क्या है?
दरअसल, NATO का गठन रूस (तब सोवियत संघ) को देखते हुए ही किया गया था और इसका सबसे प्रमुख लक्ष्य सोवियत संघ के विस्तार को रोकना था। जिस समय NATO का गठन हुआ, वो शीत युद्ध की शुरूआत का समय था और दुनिया अमेरिका और सोवियंत के दो धड़ों में बंटी हुई थी। NATO के तहत सोवियत संघ के आसपास कई सैन्य ठिकाने बनाए गए जो सैन्य संघर्ष की स्थिति में निर्णायक साबित हो सकते थे।
यूक्रेन को लेकर विवाद का NATO से क्या संबंध?
1991 में जब सोवियत संघ का 15 नए देशों में विघटन हुआ तो दुनिया एकध्रुवीय रह गई और अमेरिका एकमात्र सुपरपॉवर बचा। उसके नेतृत्व में सोवियत संघ से टूटकर बने कई देश NATO में शामिल हुए और इस तरह NATO के सैन्य ठिकाने रूस के बिल्कुल पास आ गए। अब रूस के साथ सीमा साझा करने वाला यूक्रेन भी NATO में शामिल होना चाहता है। ऐसा होने से रूस पूरी तरह NATO से घिर जाएगा जो वो बिल्कुल नहीं चाहता।
रूस क्या चाहता है?
युद्ध से पहले बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कानूनी गारंटी मांगी थी कि यूक्रेन को NATO में शामिल नहीं कराया जाएगा। उन्होंने पूर्वी यूरोप और रूस के पड़ोसी देशों में NATO की सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग भी की थी। दिसंबर में दिए गए अपने बयान में पुतिन ने कहा था, "अमेरिका मिसाइलों के साथ हमारे दरवाजे पर आ गया है। अगर हम कनाडा और मैक्सिको में मिसाइलें तैनात करें तो अमेरिका को कैसा लगेगा?"
NATO और रूस की सैन्य ताकत कितनी है?
सैन्य ताकत के मामले में NATO रूस से काफी आगे है। जहां NATO में शामिल सभी 30 देशों का रक्षा बजट 2021 में 1,174 अरब डॉलर था, वहीं इसके मुकाबले रूस का रक्षा बजट मात्र 61.7 अरब डॉलर है। अगर NATO युद्ध में सीधे तौर पर शामिल होता है तो वह सदस्य देशों के 33 लाख सैनिकों का इस्तेमाल कर सकता है। इसके मुकाबले रूस के पास मात्र 12 लाख सैनिक हैं। हवाई ताकत में भी NATO आगे है।