
कौन है रूस के सामने घुटने नहीं टेकने वाले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की?
क्या है खबर?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का आज तीसरा दिन है। रूस की सेना के राजधानी कीव में घुसने के बाद भी यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने घुटने नहीं टेके हैं।
उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह हथियार नहीं डालेंगे और अपने देश की रक्षा करेंगे। उनका देश अकेले ही अंतिम सांस तक लड़ेगा। उनके बुलंद इरादों की चहुंओर तारीफ हो रही है।
आइए जानते हैं आखिर कौन है वोलोडिमीर जेलेंस्की और वह कैसे बने राष्ट्रपति।
जीवन परिचय
सोवियत संघ के किरीवयी रीह शहर में हुआ था जेलेंस्की का जन्म
जेलेंस्की का जन्म 25 जनवरी, 1978 तत्कालीन सोवियत संघ के शहर किरीवयी रीह में एक यहूदी परिवार में हुआ था। वर्तमान में यह यूक्रेन का हिस्सा है।
बचपन में ही जेलेंस्की का परिवार मंगोलिया के एर्डेनेट चला गया था। ऐसे में उनकी शुरुआती पढ़ाई मंगोलिया में हुई।
बाद में उन्हें इजरायल में उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप मिली, लेकिन पिता की अनुमति न मिलने पर उन्होंने 1995 में कीव नेशनल इकोनॉमिक यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री के साथ ग्रेजुएशन किया।
करियर
जेलेंस्की ने कॉमेडियन के तौर पर की करियर की शुरुआत
जेलेंस्की को शुरू से ही कॉमेडी का शौक रहा था और यही कारण रहा कि साल 1997 में उन्होंने एक कॉमेडियन के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की।
उन्होंने 2003 कुछ कलाकारों के साथ मिलकर 'क्वार्टल 95' नाम का सफल टीवी प्रोडक्शन कंपनी बनाई थी। लोगों ने इनके काम को काफी पसंद किया। इसके चलते उन्होंने अपने शो करने शुरू कर दिए।
इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और धीरे-धीरे वह यूक्रेनी टेलीविजन का लोकप्रिय चेहरा बन गए।
जानकारी
जेलेंस्की ने छह से अधिक फिल्मों में किया था काम
जेलेंस्की ने कई सुपरहिट टीवी शो और छह फिल्मों में काम किया था। इनमें लव इन द बिग सिटी (2009) और रेजेव्स्की वर्सेज नेपोलियन (2012) और 8 फर्स्ट डेट्स फिल्में काफी प्रसिद्ध हैं। उनके शो और फिल्मों को 1+1 टेलीविजन चैनल पर दिखाया गया था।
शोहरत
'सर्वेंट ऑफ द पीपल' से शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचे जेलेंस्की
साल 2014 जेलेंस्की के साथ यूक्रेन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण साबित हुआ। उस साल यूक्रेनी जनता ने विद्रोह कर रूसी समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को पद से हटा दिया। इसके बाद रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया।
उस दौरान पॉलिटिकल सटायर 'सर्वेंट ऑफ द पीपल' ने जेलेंस्की के नाम को और प्रसिद्ध कर दिया। इसमें जेलेंस्की ने वासिली गोलोबोरोडको के नाम से राष्ट्रपति की भूमिका निभाई थी। जिसकी खूब तारीफ हुई थी।
शिक्षक
'सर्वेंट ऑफ द पीपल' में दिखाई गई थी एक शिक्षक के राष्ट्रपति बनने की कहानी
रूस के क्रीमिया पर आक्रमण के बाद 1+1 नेटवर्क पर प्रदर्शित किए गए धारावाहिक 'सर्वेंट ऑफ द पीपल' में एक हाई स्कूल शिक्षक के राष्ट्रपति बनने तक का सफर दिखाया जाता है।
इसमें बताया कि जाता है कि एक शिक्षक कैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाता है और जनता को भी उसके खिलाफ खड़ा करता है।
इससे वह जनता के समर्थन से एक दिन राष्ट्रपति की कुर्सी पर पहुंच जाता है। जेलेंस्की ने इस किरदार को बखूबी निभाया था।
राजनीति
साल 2019 में किया 'सर्वेंट ऑफ द पीपल' पार्टी का गठन
'सर्वेंट ऑफ द पीपल' धारावाहिक से जनता के दिल पर अपनी अलग छाप छोड़ने वाले जेलेंस्की ने राजनीति में आने का मन बना लिया।
हालांकि, उन्हें राजनीति का अनुभव नहीं था तो उन्होंने गंभीर मुद्दों पर सीधी चर्चा करने की जगह सोशल मीडिया पर हल्के-फुल्के हास्य वीडियो पोस्ट कर सुर्खियां बटोरी।
इसके बाद उन्होंने साल 2019 में 'सर्वेंट ऑफ द पीपल' नाम से नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर दिया और राष्ट्रपति पद के लिए ताल ठोक दी।
परिणाम
73 प्रतिशत वोट हासिल कर यूक्रेन के राष्ट्रपति बने जेलेंस्की
राष्ट्रपति पद के चुनाव के प्रचार में भी जेलेंस्की ने धारावाहिक की तरह भ्रष्टाचार सहित अन्य मुद्दों के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया। इसका जतना पर सीधा असर पड़ा, क्योंकि लोग तत्कालीन राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको से काफी नाराज थे।
नजीता यह रहा कि चुनावों में जेलेंस्की को 73.2 प्रतिशत वोट मिले और 20 मई 2019 को उन्होंने यूक्रेन के छठे राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर ली। इस तरह वह कॉमेडियन से राष्ट्रपति बन गए।
जानकारी
राष्ट्रपति पद की शपथ के समय किया था शांति स्थापित करने का वादा
जेलेंस्की ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के दौरान कहा था कि उन्होंने युद्ध शुरू नहीं किया, लेकिन वह इसे खत्म जरूर करेंगे। उन्हें अपनी प्रसिद्धि या रेटिंग खोने का डर नहीं है। वह देश में शांति स्थापित करने के लिए हरसभंव प्रयास करते रहेंगे।
प्रयास
पूर्वी यूक्रेन में शांति के लिए जेलेंस्की ने किए कई प्रयास
राष्ट्रपति बनने के बाद जलेंस्की ने पूर्वी यूक्रेन में शांति के लिए कई प्रयास किए। उन्होंने रूस से वार्ता की और कैदियों की अदला-बदली की।
उन्होंने शांति के लिए मिंस्क समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। हालांकि, यह कभी पूरी तरह से लागू नहीं हो सका।
इसके बाद जुलाई 2020 में रूस के साथ संघर्ष विराम लागू किया गया, लेकिन छुट-पुट झड़पें होती रहीं। इसके बाद जेलेंस्की ने NATO में शामिल होने की बात कहना शुरू कर दिया।
आरोप
पैंडोरा पेपर्स में आया था राष्ट्रपति जेलेंस्की का नाम
राष्ट्रपति बनने के बाद जेलेंस्की ने वादा किया था कि वह राजनीति से अरबपतियों के दबाव और प्रभाव को अलग कर देंगे। हालांकि, अक्तूबर 2021 में पैंडोरा पेपर्स में उनका नाम आ गया।
इसमें दुनिया के अमीर और प्रभावशाली लोगों के छुपे हुए धन के बारे में जानकारियां थीं। इसमें पता चला था जेलेंस्की और उनके इर्द-गिर्द रहने वाले विदेशों में फैली कंपनियों के नेटवर्क से जुड़कर फायदा उठा रहे हैं।
हालांकि, जेलेंस्की ने आरोपों को खारिज कर दिया था।