शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति को कहा 'तानाशाह'
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग करीब एक साल बाद पहली बार एक-दूसरे से मिले। कैलिफोर्निया में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) के शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से मुलाकात की।
इस दौरान दोनों के बीच कई इजरायल युद्ध समेत महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। हालांकि, अब बाइडन की एक टिप्पणी को लेकर विवाद हो रहा है, जिसके बाद अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।
तानाशाह
बाइडन ने जिनपिंग को बताया 'तानाशाह'
दरअसल, जिनपिंग से मुलाकात के बाद बाइडन से एक पत्रकार ने पूछा, "क्या अब भी आप राष्ट्रपति शी को तानाशाह के रूप में संदर्भित करेंगे?"
इस पर बाइडन ने कहा, "देखा जाए तो वह तानाशाह हैं। मेरा मतलब है कि शी इस अर्थ में एक तानाशाह हैं कि वे एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो एक ऐसे देश को चला रहे हैं, जो एक साम्यवादी देश है और हमारी सरकार से बिल्कुल अलग सरकार के स्वरूप पर आधारित है।"
बयान
पहले भी जिनपिंग को तानाशाह बता चुके हैं बाइडन
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब बाइडन ने जिनपिंग को तानाशाह कहा है।
पिछले साल जनवरी में उन्होंने कहा था कि चीन और रूस शर्त लगा रहे हैं कि अमेरिका उनकी तरह निरंकुश और तानाशाह बन जाएगा।
अप्रैल 2022 में उन्होंने एक भाषण के दौरान चीन को 'अनिवार्य रूप से तानाशाही' वाले देशों में सूचीबद्ध किया था।
जून, 2023 में चीन के जासूसी गुब्बारे वाले विवाद पर भी बाइडन ने जिनपिंग को तानाशाह कहा था।
सैन्य
सैन्य संचार दोबारा बहाल करेंगे अमेरिका-चीन
2022 में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन ने अमेरिका से सैन्य संबंध तोड़ दिए थे। अब दोनों नेताओं की मुलाकात में इसे फिर से बहाल करने पर सहमति बनी है।
विशेषज्ञ इसे बड़ा कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे दोनों देशों के बीच न सिर्फ गलतफहमी का जोखिम कम होगा, बल्कि सैन्य बलों के बीच तनाव भी कम होगा।
ताइवान
ताइवान को लेकर क्या हुई चर्चा?
बैठक में जिनपिंग ने अमेरिका से ताइवान की स्वतंत्रता के संबंध में प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने का आग्रह किया। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से ताइवान के चीन में विलय पर जोर दिया। हालांकि, जिनपिंग ने बलप्रयोग की संभावना से भी इंकार नहीं किया।
दूसरी ओर, अमेरिका ने क्षेत्रीय शांति का हवाला देकर ताइवान पर अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की। चुनावों को देखते हुए बाइडन ने चीन से ताइवान की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करने को कहा।
मुद्दे
दोनों नेताओं के बीच और किन मुद्दों पर हुई चर्चा?
बाइडन-जिनपिंग के बीच ईरान, यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व की स्थिति पर भी बातचीत हुई। बाइडन ने ईरान के साथ तनाव कम करने के लिए चीन से मदद मांगी है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पुष्टि की कि ईरान के साथ बातचीत जारी है।
मुलाकात के दौरान बाइडन ने यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे युद्ध पर भी बातचीत की। दोनों नेताओं के बयानों से संकेत मिल रहा है कि मुलाकात से रिश्तों में नरमी आ सकती है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
अमेरिका और चीन के बीच कई मुद्दों पर मतभेद है। इसमें सबसे बड़ा मसला दक्षिण चीन सागर का है। इस इलाके में दोनों देश अक्सर एक-दूसरे के सामने आते रहते हैं।
दूसरा बड़ा विवाद ताइवान को लेकर है। चीन ताइवान पर अपना कब्जा जताता है तो अमेरिका ताइवान के साथ खड़ा है।
हांगकांग में भी चीन लोकतंत्र समर्थकों का दमन करता है तो दूसरी ओर अमेरिका इनका समर्थन करता है।