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ताइवान के उपराष्ट्रपति के अमेरिका में रुकने से भड़का चीन, शुरू किया युद्धाभ्यास
ताइवान के उपराष्ट्रपति के अमेरिका दौरे के बाद चीन ने युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है

ताइवान के उपराष्ट्रपति के अमेरिका में रुकने से भड़का चीन, शुरू किया युद्धाभ्यास

लेखन आबिद खान
Aug 19, 2023
05:39 pm

क्या है खबर?

ताइवान के उपराष्ट्रपति विलियम लाई हाल ही में प्राग देश की यात्रा पर गए थे। यहां से लौटते हुए वे अमेरिका में भी रुके थे। उनके इस कदम से चीन भड़क गया है और ताइवान के आसपास युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। चीन ने इस युद्धाभ्यास को ताइवान के आसपास कथित अलगाववादी ताकतों के लिए कड़ी चेतावनी कहा है। बता दें कि इससे पहले भी चीन कई मौकों पर ताइवान के आसपास युद्धाभ्यास कर चुका है।

युद्धाभ्यास

किस तरह का युद्धाभ्यास कर रहा है चीन?

चीन की वायु और नौसेना संयुक्त रूप से ताइवानी सीमा के आसपास अभ्यास कर रही है। चीनी ने ताइवानी के पास लड़ाकू विमान, नौसैनिक जहाज और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल तैनात की है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता शि यी ने कहा, "अभ्यास का उद्देश्य सैन्य जहाजों और हवाई जहाजों के समन्वय और हवाई और समुद्री स्थानों पर नियंत्रण हासिल करने की उनकी क्षमता को बढ़ाना है।"

विमान

ताइवान ने कहा- चीन ने 7 विमान तैनात किए

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि आज सुबह 6 बजे तक ताइवान के आसपास चीनी सेना के 9 विमान और 6 जहाजों का पता चला है। मंत्रालय ने कहा, 'सशस्त्र बलों ने स्थिति की निगरानी की है और इनका जवाब देने के लिए विमान, नौसेना जहाजों और भूमि-आधारित मिसाइल प्रणालियों को काम पर लगाया गया है।' ताइवान का दावा है कि 26 लड़ाकू विमानों ने अनाधिकारिक सीमा को पार किया है।

बयान

युद्धाभ्यास ताइवान के लिए कड़ी चेतावनी- चीन 

चीन ने कहा कि ये अभ्यास विदेशी तत्वों और उनके उकसावों के साथ 'ताइवान स्वतंत्रता' अलगाववादियों की मिलीभगत के लिए एक कड़ी चेतावनी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "चीन अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी तरह की आधिकारिक बातचीत का कड़ा विरोध करता है। हम किसी भी नाम से या किसी भी बहाने से 'ताइवान की आजादी' के नाम पर अलगाववादियों की अमेरिका यात्रा का कड़ा विरोध करते हैं।"

पहले

ताइवान-अमेरिका संबंधों पर पहले भी भड़क चुका है चीन

पिछले साल अगस्त में अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव रहीं नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया था। इसके बाद चीन ने ताइवान के नजदीक समुद्र में 11 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं। इसी साल अप्रैल में ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने अमेरिका की 10 दिवसीय यात्रा की थी। उनके ताइवान लौटने के एक दिन बाद ही चीन ने अपने 71 युद्धक विमान दोनों देशों की सीमा पर तैनात कर दिए थे।

विवाद

ताइवान को लेकर क्या है विवाद?

बता दें कि पहले ताइवान चीन का ही हिस्सा रहा है, लेकिन 1949 में माओत्से तुंग की अगुवाई में कम्युनिस्ट पार्टी की जीत गई के बाद कुओमिंतांग समर्थक भागकर ताइवान द्वीप पर चले गए थे। चीन इसे अपना हिस्सा मानता है, वहीं ताइवान खुद को स्वतंत्र देश के तौर पर देखता है। उसका अपना संविधान है और वहां लोकतांत्रिक तरीके से सरकार चुनी गई है। हालांकि, केवल 13 देशों ने ताइवान को औपचारिक मान्यता दे रखी है।