अरविंद केजरीवाल ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अब तक किस-किस नेता से की मुलाकात?
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को हैदराबाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ मुलाकात की। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP के कई अन्य नेता भी मौजूद रहे। केजरीवाल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन मांगने के लिए लगातार मुलाकातें कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि केजरीवाल अब तक किस-किस नेता से मिल चुके हैं।
गैर-भाजपा सरकारों को काम नहीं करने दे रहा केंद्र- राव
के चंद्रशेखर राव ने कहा, "केंद्र सरकार गैर-भाजपा सरकारों को काम नहीं करने दे रही है। दिल्ली में AAP लोकप्रिय पार्टी है। AAP ने दिल्ली नगर निगम का चुनाव जीता। भाजपा ने अड़ंगा डाला और दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।" उन्होंने आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अधिकारियों को दिल्ली सरकार के अंतर्गत काम करना चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान नहीं है तो आपातकाल के दिनों की याद आती है।"
दिल्ली में नीतीश कुमार से मिले थे केजरीवाल
केजरीवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी। इस दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे थे। नीतीश ने मुलाकात के बाद केजरीवाल को समर्थन का भरोसा देते हुए कहा था, "एक चुनी हुई सरकार को दी गईं शक्तियों को कैसे छीना जा सकता है? यह संविधान के खिलाफ है। हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं। हम देश के सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।"
केजरीवाल को कोलकाता में मिला ममता का समर्थन
केंद्र सरकार के खिलाफ पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश में केजरीवाल कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भी मुलाकात कर चुके हैं। ममता ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था, "वह हमें क्या समझते हैं? क्या हम बंधुआ मजदूर हैं? वह संविधान को ध्वस्त करना चाहते हैं। केवल सुप्रीम कोर्ट ही देश को बचा सकता है...केंद्र सरकार अध्यादेशों और राज्यपालों के जरिए राज्यों पर शासन करना चाहती है।"
केजरीवाल उद्धव ठाकरे और शरद पवार से भी कर चुके हैं मुलाकात
केजरीवाल ने 24 मई को मुंबई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुलाकात की थी। उद्धव ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को गलत बताते हुए कहा था, "आगे ऐसे भी दिन आएंगे कि शायद राज्य में चुनाव ही नहीं होंगे, इसलिए जनता को जगाने के लिए हम आगे आए हैं।" केजरीवाल ने इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार के साथ भी मुलाकात की थी।
विपक्षी नेताओं से क्यों मिल रहे हैं केजरीवाल?
केजरीवाल अध्यादेश को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को घेरने के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार इस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए राज्यसभा में बिल लाती है तो विपक्ष को उसका साथ देना चाहिए। केजरीवाल ने कहा था कि यदि विपक्ष राज्यसभा में अध्यादेश को पारित होने से रोकने में सफल रहा तो यह 2024 के आम चुनावों से पहले एक बड़ा संदेश देगा।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 11 मई को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिए थे। इसके बाद मामले में केंद्र ने 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया था। इसके तहत दिल्ली में नौकरशाहों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए दिल्ली सरकार को मिले अधिकार को पलट दिया गया। इसके बाद एक बार फिर इस मामले में अंतिम फैसले का अधिकार उपराज्यपाल को दे दिया।