
बिहार के मुजफ्फरपुर में नाबालिग की रेप के बाद हत्या मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
क्या है खबर?
बिहार के मुजफ्फरपुर में 9 वर्षीय दलित नाबालिग बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में लोगों को झंकझौर कर रख दिया है।
यह घटना 26 मई की है और 6 दिन तक मौत से जूझने के बाद मासूम ने रविवार को पटना के PMCS अस्पताल में दम तोड़ दिया।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मामले में संज्ञान लेते हुए बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को गहन और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं।
घटना
क्या है पूरी घटना?
मुजफ्फरपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) सुशील कुमार ने बताया कि 26 मई को कुढ़नी प्रखंड के एक गांव मासूम बच्ची अपने घर के सामने खेल रही थी। उसी दौरान वहां पहुंचे पड़ोस के गांव निवासी मछली विक्रेता आरोपी उसे मौसी के घर ले जाने की कहकर अपने साथ ले गया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद आरोपी मौसी के घर पास मासूम को चॉकलेट का लालच देकर अपने साथ ले गया और घिनौनी वारदात को अंजाम दे दिया।
खुलासा
कैसे हुआ वारदात का खुलासा?
ASP बताया कि कुछ देर बाद मासूम की मां ने बेटी की तलाश शुरू की तो एक स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि घर-घर जाकर मछली बेचने वाला लड़का उसे अपनी साइकिल पर ले गया। उसके बाद लोगों ने सख्ती से आरोपी से पूछताछ की तो उसने सारा गुनाह कबूल लिया।
उन्होंने बताया कि आरोपी की निशानदेही पर लोगों ने मासूम को लहुलुहान हालत में एक झाड़ी के पास से बरामद किया और उसे कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचाया गया।
हैवानियत
आरोपी ने की हैवानियत की हदें पार
आरोपी ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने रेप के बाद मासूम की हत्या करने के इरादे से उसके गले पर 3 बार चाकू से हमला किया था।
इसके अलावा उसने पेट सहित अन्य जगहों पर भी चाकू से हमला किया था। इससे मासूम की स्वर तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो गई और वह बोलने में असमर्थ थी।
वह उसे मरा हुआ समझकर छोड़कर वापस आ गया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
आरोप
परिजनों ने पुलिस पर लगाया कार्रवाई न करने का आरोप
मासूम के परिजनों का आरोप है कि तुर्की पुलिस थाने के अधिकारियों ने आरोपी के प्रभाव के कारण मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद महिला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। मेडिकल में भी उनकी बच्ची से रेप की पुष्टि हुई है।
परिजनों ने बताया कि बेटी की हालत बिगड़ने 31 मई को उसे पटना के PMCS अस्पताल रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां जाने के लिए भी उन्हें 4 घंटे एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ा।
बयान
"पटना अस्पताल में हंगामा करने पर बेटी को किया भर्ती"
मृतका के चाचा ने ANI से कहा, "डॉक्टरों ने हमें पटना रेफर कर दिया, लेकिन हमें वहां भी अच्छा नहीं लगा। कल हम आए और 4 घंटे तक एम्बुलेंस में इंतजार किया। जब सभी ने हंगामा करना शुरू कर दिया, तो उन्होंने 4 बजे बेटी को भर्ती किया। किसी भी चीज की कोई सुविधा नहीं थी। डॉक्टर परेशान हो गए और बच्ची को पूरी रात नींद की दवा देते रहे। इसके बाद सुबह 8 बजे उसने दम तोड़ दिया।"
संज्ञान
NCW ने लिया संज्ञान
NCW अध्यक्ष विजया रहाटकर ने मामले में संज्ञान लेते हुए घटना की निंदा की है। इसके अलावा मुख्य सचिव और DGP को पीड़िता की मौत की गहन और निष्पक्ष जांच करने को कहा है।
इसी तरह उन्होंने मामले में हुई चूक में अस्पताल अधिकारियों और पुलिस की भूमिका की भी जांच करने के साथ कार्य में लापरवाही बरतने के दोषी पाए जाने वालों चिकित्साकर्मियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।
जानकारी
15 दिनों में दाखिल किया जाएगा आरोपपत्र
ASP ने कहा, "मामले में जल्द सुनवाई के लिए 15 दिनों में आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा। सभी नमूने एकत्र कर लिए गए हैं, कपड़ों से भी नमूने एकत्र किए गए हैं। पुलिस का प्रयास रहेगा कि आरोपी को जल्द से जल्द सजा मिले।"
विरोध
कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस ने बिहार सरकार की आलोचना करते हुए मुजफ्फरपुर में विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी घटना की निंदा करते हुए एक्स पर लिखा, 'मुजफ्फरपुर में नाबालिग दलित लड़की के साथ हुई क्रूरता और उसके बाद उसके इलाज में बरती गई लापरवाही बेहद शर्मनाक है। अगर उसे समय पर इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन डबल इंजन वाली सरकार ने उसकी जान बचाने में बड़ी लापरवाही बरती।'