पैनिक अटैक से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं योगासन, ऐसे करें अभास
पैनिक अटैक एक ऐसी स्थिति है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति में अचानक डर लगने वाली भावना उत्पन्न हो जाती है, जो गंभीर रूप से शारीरिक प्रतिक्रियाओ को उत्तजेति करती है। अत्यधिक डर होने से व्यक्ति खुद पर नियंत्रण पूरी तरह से खो देता है और पैनिक अटैक का शिकार हो जाता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो पैनिक अटैक से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
वीरासन
वीरासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में एकदम सीधे बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे अपने तलवों को फैलाएं और अपने कूल्हों को दोनों पैरों के बीच में से जमीन पर टिकाने की कोशिश करें। इसके बाद दोनों हाथों को सीधा तान कर घुटनों पर रखें। इस दौरान अपने कंधों को आराम की मुद्रा में रखें। इसी मुद्रा में तीन से चार मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
बालासन
बालासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए वापस वज्रासन की मुद्रा में आ जाएं और सामान्य हो जाएं।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन के लिए पहले योग मैट पर अपने दोनों पैरों को आपस में सटाक और आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं, फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ने का प्रयास करें। कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं।
हस्त पादासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब सांस छोड़ें और कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे झुकें। ध्यान रहें कि इस दौरान आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद अपने हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। यकीनन इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपको काफी फायदा होगा।