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अनियमित पीरियड्स की समस्या से राहत दिलाने में सक्षम हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
अनियमित पीरियड्स की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये योगासन

अनियमित पीरियड्स की समस्या से राहत दिलाने में सक्षम हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Oct 04, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसके दौरान महिलाओं को न केवल पेट दर्द, ऐंठन और मूड स्विंग्स बल्कि इसकी अनियमिता की समस्या से भी भी दो-चार होना पड़ता है। कई महिलाएं दवाइयां खाकर पीरियड्स को जल्दी या देरी से लाने की कोशिश करती हैं, लेकिन इनका असर स्वास्थ्य पर नकारात्मक रूप से पड़ता है। आइए आज कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं जो महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या से राहत दिला सकते हैं।

#1

अधोमुख श्वानासन

अधोमुख श्वानासन के लिए पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें। अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार 'V' जैसा नजर आना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#2

धनुरासन

धनुरासन के लिए योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं। फिर अपने दोनों घुटनों को अपनी कमर की तरफ से मोड़ें और हाथों से टखनों को मजबूती से पकड़ लें। इसके बाद सांस लेते हुए अपने पूरे शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे। अब अपनी क्षमतानुसार इसी मुद्रा में बने रहें और धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। अंत में धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

#3

उष्ट्रासन

उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं और फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और कुछ मिनट विश्राम करें।

#4

मत्स्यासन

मत्स्यासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में एकदम सीधे बैठ जाएं। अब अपनी पीठ की दिशा में झुकें और अपने सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें। इसके बाद अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और जितना संभव हो सके, उतनी देर इसी मुद्रा में रूकने की कोशिश करें। कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।