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अग्नाशय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
अग्नाशय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं ये योगासन

अग्नाशय को स्वस्थ रखने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
Oct 07, 2021
06:45 am

क्या है खबर?

अग्नाशय यानी पैंक्रियाज पाचन क्रिया का एक छोटा सा हिस्सा है और इसका स्वस्थ और सक्रिय रहना शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसके स्वस्थ रहने से मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से शरीर का बचाव हो सकता है। अग्नाशय को स्वस्थ और सक्रिय रखने में योग अहम भूमिका अदा कर सकता है। आइए आज कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं जो अग्नाशय के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

#1

गोमुखासन

गोमुखासन के लिए पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठकर अपने दाएं पैर को मोड़ें और इसे बायीं जांघ के ऊपर से ले जाते हुए बाएं नितंब के पास जमीन पर रखें। इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दायीं जंघा के नीचे से दाएं नितंब के पास जमीन पर रख लें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए पीठ के पीछे आपस में पकड़ने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।

#2

मयूरासन

मयूरासन के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठकर अपनी हथेलियों को जमीन पर उल्टा रखें। अब शरीर को आगे की ओर झुकाकर धीरे-धीरे शरीर का पूरा वजन अपने दोनों हाथों पर लाने का प्रयास करें। इसके बाद अपने पैरों को पीछे की ओर सीधा करें और उन्हें ऊपर उठाएं। इस स्थिति में शरीर का पूरा वजन आपके दोनों हाथों पर होना चाहिए। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।

#3

हलासन

हलासन का अभ्यास करने के लिए पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

#4

पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन के लिए योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आपस में सटाएं और उन्हें आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ने का प्रयास करें। कुछ सेकंड के लिए इसी अवस्था में बने रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं।