
भारत को रूसी कच्चा तेल खरीदने पर मिलेगी 5 प्रतिशत की छूट, रूसी दूतावास का ऐलान
क्या है खबर?
भारत में रूसी दूतावास ने बुधवार को ऐलान किया है कि वह भारत को रूसी कच्चा तेल खरीदने पर 5 प्रतिशत छूट देंगे। यह फैसला ऐसे समय पर किया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर रूस से तेल न खरीदने को लेकर दबाव बना रहे हैं और 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। रूसी दूतावास के प्रभारी रोमन बाबुश्किv ने ट्रंप के टैरिफ को अनुचित बताया है।
बयान
रूस भारत पर कभी प्रतिबंध नहीं लगाएगा- बाबुश्किन
मिशन के उप-प्रमुख बाबुश्कि ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि अमेरिका ने अर्थव्यवस्था को हथियार बना दिया, लेकिन रूस कभी भी भारत पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा। उन्होंने कहा, "आप रूस, BRICS या वे संगठन जिसमें हम सब सहयोगी हैं, प्रतिबंध कभी नहीं लगाएंगे। गैर-संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध और द्वितीयक प्रतिबंध अवैध हैं। वे (अमेरिका) केवल अर्थव्यवस्था को हथियार बनाते हैं। रूस पर भारी प्रतिबंधों के दबाव के बावजूद, आप देखेंगे कि रूसी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है।"
बयान
रूस ने भारत के लिए बनाया विशेष तंत्र- बाबुश्किन
बाबुश्किन ने कहा कि ऊर्जा, औद्योगिक और मानवीय क्षमता वाले रूस को वैश्विक अर्थव्यवस्था से बाहर नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि रूस ने भारत को लगातार कच्चे तेल की आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक विशेष तंत्र बनाया है, जो अपनी तेल जरूरतों का लगभग 40 प्रतिशत मास्को से 5 प्रतिशत की औसत छूट पर प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस 2030 तक 8,350 अरब रुपये के द्विपक्षीय व्यापार के लक्ष्य को हासिल करने की राह पर है।
आपूर्ति
भारत तेल खरीदना बंद नहीं करेगा
रूसी अधिकारी ने कहा कि यूरोपीय संघ के नए पैकेज का रूस पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा और भारत रूसी तेल खरीदना बंद नहीं करेगा। उन्होंने कहा, "हम भारत के साथ चुनौतियों का समाधान करने और उन्हें दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों देश छोटे और मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों पर बातचीत कर रहे हैं। रूस भारत का पसंदीदा साझेदार है।" उन्होंने पुष्टि की कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में द्वीपक्षीय बैठक करेंगे।
खरीद
टैरिफ के बावजूद तेल खरीद रहा भारत
रॉयटर्स ने बुधवार को बताया कि भारत की सरकारी रिफाइनर कंपनियों इंडियन ऑयल (IOC) और भारत पेट्रोलियम (BPCL) ने सितंबर-अक्टूबर के लिए रूसी तेल खरीदा है। रिपोर्ट के मुताबिक, छूट बढ़ने के बाद खरीद फिर से शुरू हो गई है। भारत द्वारा रूसी तेल दोबारा शुरू करने से शीर्ष खरीदार चीन के लिए आपूर्ति कम हो सकती है। चीन ने हाल में रूस से तेल खरीद बढ़ा दी थी।