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भारत-चीन करेंगे सीमा का स्थायी सीमांकन; भूमि व्यापार, वीजा और सीधी उड़ानों पर भी बनी सहमति
चीनी विदेश मंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की

भारत-चीन करेंगे सीमा का स्थायी सीमांकन; भूमि व्यापार, वीजा और सीधी उड़ानों पर भी बनी सहमति

लेखन आबिद खान
Aug 20, 2025
01:52 pm

क्या है खबर?

सालों के तनावपूर्ण संबंधों के बाद भारत और चीन के संबंध फिर सामान्य होते नजर आ रहे हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों में कई मुद्दों पर सहमति बनी है। सबसे अहम मुद्दा सीमा विवाद को लेकर है। दोनों देश सीमा के कम विवादास्पद हिस्सों का सीमांकन शुरू करने और स्थायी सीमांकन की दिशा में काम करने पर भी सहमत हुए हैं।

सीमा

कई चरणों में सुलझाया जाएगा सीमा विवाद

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और वांग यी के बीच भारत-चीन विशेष प्रतिनिधि वार्ता के 24वें दौर के दौरान दोनों पक्षों ने इस प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है। इसके लिए भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) के तहत एक तकनीकी विशेषज्ञ समूह की स्थापना की जाएगी, जिसका नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव करेंगे। फिर कम विवादित क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और इनका सीमांकन होगा।

व्यापार

भूमि व्यापार फिर होगा शुरू

दोनों देश 3 पारंपरिक दर्रों- लिपुलेख, शिपकी ला और नाथू ला के जरिए सीमा व्यापार को फिर से शुरू करेंगे। ये मार्ग लंबे समय से स्थानीय वाणिज्य और सीमा पार आदान-प्रदान से जुड़े रहे हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के आक्रामक रुख और 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद ये रास्ते बंद कर दिए गए थे। इनका फिर से खुलना स्थानीय लोगों के रोजगार और आर्थिक हालात के लिहाज से बेहद अहम है।

उड़ान

सीधी उड़ानें भी होंगी शुरू

दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा फिर शुरू होगी। हालांकि, अभी तक इसकी कोई समयसीमा नहीं आई है। चीन लंबे समय से सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने की मांग कर रहा था। भारत और चीन ने सीधी उड़ानें 'शीघ्रतम' शुरू करने पर सहमति जताई है। दोनों देश आने वाले दिनों में संपर्क को संस्थागत बनाने के लिए एक अद्यतन हवाई सेवा समझौते पर भी हस्ताक्षर कर सकते हैं।

खनिज

दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति शुरू करेगा चीन

चीन भारत को खाद, दुर्लभ खनिज और सुरंग खोदने वाली मशीनों (TBM) की आपूर्ति बहाल करेगा। चीन ने जुलाई में खाद और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति रोक दी थी। इसकी वजह से भारत के कृषि, ऑटोमोबाइल और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर असर पड़ रहा था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले महीने अपनी चीन यात्रा के दौरान अपने समकक्ष यी के साथ यूरिया, NPK और DAP, दुर्लभ खनिजों और TBM की आपूर्ति का मुद्दा उठाया था।

अन्य मुद्दे

इन मुद्दों पर भी बनी सहमति

दोनों देशों ने पर्यटकों, व्यापारियों और मीडिया प्रतिनिधियों सहित अन्य यात्रियों के लिए वीजा की सुविधा प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई है। दोनों पक्ष 2026 से भारत से तिब्बत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक की तीर्थयात्राओं के पैमाने का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं। भारत और चीन ने नदियों पर अपने विशेषज्ञ-स्तरीय तंत्र के माध्यम से सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की है। चीन आपातकालीन स्थितियों में जलस्तर संबंधी आंकड़े भी साझा करेगा।