उद्गीथ: जानिए इस प्राणायाम के अभ्यास का तरीका, इसके लाभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें
उद्गीथ प्राणायाम को ओमकारी जप भी कहा जाता है क्योंकि इसके अभ्यास के दौरान ओम का जाप किया जाता है। यह एक बहुत ही सरल प्रकार का प्राणायाम है जिसका अभ्यास करते समय अगर सही ढंग से ध्यान लगाया जाए तो इससे कई तरह के शारीरिक और मानसिक लाभ मिल सकते हैं। चलिए फिर आज हम आपको इस प्राणायाम के अभ्यास का तरीका और इससे संबंधित कुछ अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
उद्गीथ प्राणायाम करने का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या सुखासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो। शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
अभ्यास से पहले इन बातों पर जरूर दें ध्यान
उद्गीथ प्राणायाम का अभ्यास करते समय नाक से ही सांस लें और मुंह से सांस लेने का प्रयास न करें। जिन लोगों को नाक से खून आने की समस्या है, उन्हें इस प्राणायाम का अभ्यास करने से बचना चाहिए। जिन लोगों को गंभीर हृदय रोग या फिर उच्च रक्तचाप की शिकायत है, वे डॉक्टरी परामर्श के बाद ही इस प्राणायाम का अभ्यास करें। बेहतर होगा कि शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास योग गुरू की निगरानी में किया जाए।
उद्गीथ प्राणायाम के निरंतर अभ्यास से मिलने वाले फायदे
उद्गीथ प्राणायाम का अभ्यास तनाव, अवसाद और चिंता जैसी कई मानसिक समस्याओं से राहत दिलाने में कारगर है। अनिद्रा की समस्या से ग्रस्त लोगों के लिए इस प्राणायाम का अभ्यास करना लाभदायक है। यह प्राणायाम हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मिर्गी जैसे गंभीर रोगों के जोखिमों को कम करने में भी सहायक है। यह प्राणायाम एकाग्रता के स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ मन को शांत और स्थिर रखने में भी मददगार है। यह प्राणायाम त्वचा पर निखार लाता है।
अभ्यास से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
बेहतर होगा कि आप इस प्राणायाम का अभ्यास सुबह आठ बजे से पहले करें क्योंकि इससे आपको प्राणायाम का भरपूर फायदा मिलेगा। इस प्राणायाम का अभ्यास करते समय सांस लेने और छोड़ने में अधिक जोर न लगाएं। इस बात पर खास ध्यान दें कि उद्गीथ प्राणायाम करने के स्टेप सही हों क्योंकि अभ्यास के दौरान थोड़ी सी भी गलती समस्या का कारण बन सकती है। इस प्राणायाम का अभ्यास ढीले कपड़ों में करें।