क्या है नोरो वायरस? जानिए इसके लक्षण और बचाव के उपाय
जहां एक तरफ कोरोना वायरस के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देश में तरह-तरह के खतरनाक वायरसों के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में केरल के वायनाड में नोरो वायरस के मामले सामने आए हैं, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में गाइडलाइंस जारी की हैं और लोगों से सतर्क रहने को कहा है। आइए जानते हैं कि आखिर क्या है नोरो वायरस और इससे कैसे बचा जा सकता है।
नोरो वायरस क्या है?
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक, नोरो वायरस पेट से जुड़ा संक्रमण रोग है, जो पाचन क्रिया और आंतों को प्रभावित करता है। नोरो वायरस पशुओं से इंसानों में फैलता है। इसके बाद किसी अन्य मनुष्य के जरिए यह दूसरों में फैल सकता है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने इस वायरस को 'विंटर वोमिटिंग बग' बताया है क्योंकि उसके मुताबिक यह आमतौर से सर्दी के महीनों में हमला करता है।
कैसे फैलता है नोरो वायरस?
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने बताया कि संक्रमित लोगों या दूषित सतह के संपर्क में आने से नोरो वायरस आसानी से किसी भी व्यक्ति में फैल सकता है। नोरो वायरस गंभीर संक्रमण है और यह उल्टी और डायरिया का कारण बनता है, हालांकि ये आमतौर से कुछ दिनों में खत्म हो जाता है। CDC के मुताबिक, इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोग तीन से चार दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं।
नोरो वायरस के लक्षण
नोरो वायरस पाचन क्रिया और आंतों को प्रभावित करता है, इसलिए इससे ग्रस्त होने पर व्यक्ति में उल्टी, डायरिया, पेट दर्द, दस्त, जी मिचलाना जैसे प्रमुख लक्षण दिखते हैं। इसके अतिरिक्त तेज बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द आदि समस्याएं भी इस वायरस के लक्षणों में शामिल हैं। ये लक्षण आमतौर पर संक्रमण की चपेट में आने के एक से दो दिन के बाद नजर आते हैं।
नोरो वायरस का इलाज क्या है?
इस वायरस के इलाज के लिए कोई सटीक दवा नहीं है, लेकिन केरल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके इलाज के लिए प्रोटोकॉल जारी किए हैं। इनके मुताबिक, नोरो वायरस से संक्रमित व्यक्ति को घर पर आराम करना चाहिए और ORS समेत उबला हुआ पानी पीना चाहिए। इसके अतिरिक्त अपनी स्वच्छता का खास ध्यान रखें। आमतौर पर जानवरों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों को विशेष तौर पर सतर्कता बरतने की जरूत है।
वायरस से बचे रहने के तरीके
नोरो वायरस से सुरक्षित रहने का सबसे आसान तरीका यही है कि आप अपनी साफ-सफाई पर अतिरिक्त ध्यान देने के साथ-साथ साफ भोजन और साफ पानी का सेवन करें। समय-समय पर अपने घर में डिसइनफेक्टेंट का छिड़काव करते रहें और कुछ भी खाने-पीने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धोएं। किसी के साथ भी खान-पान की चीजें शेयर न करें और संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से खुद को बचाएं।