कोरोना के बढ़ते मामलों पर केंद्र की सख्ती, राज्यों को सख्त उपाय लागू करने को कहा
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों में भले ही कमी आ रही है, लेकिन कुछ राज्यों में अभी भी संक्रमण के मामलों में इजाफा हो रहा है। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने सतर्कता बरतते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों को पत्र लिखकर महामारी से प्रभावित जिलों पर कड़ी नजर रखने और नए मामलों के क्लस्टर पर नियंत्रण रखने के लिए जिला स्तर पर नाइट कर्फ्यू जैसे अन्य सख्त उपाय लागू करने को कहा है।
इन राज्यों में 10 प्रतिशत से अधिक है संक्रमण की दर
राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि केरल, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, पुडुचेरी, मणिपुर, पश्चिम बंगाल और नगालैंड के 19 जिलों में संक्रमण की दर पिछले दो सप्ताह में पांच से 10 प्रतिशत के बीच है। इसी तरह मिजोरम, केरल और सिक्किम के आठ जिलों में पिछले दो सप्ताह में कोरोना संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से भी अधिक है। यह महामारी के लिहाज से बेहद ही चिंता का विषय है।
27 जिलों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत- भूषण
भूषण ने पत्र में लिखा कि इन राज्यों के सभी 27 जिलों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। ऐसे में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए यह आवश्यक है कि स्थिति पर कड़ी निगाह रखें और कोरोना संक्रमण के क्लस्टर पर नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर सख्त उपाय लागू किए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर किसी जिले में संक्रमण दर बढ़ती है तो निरुद्ध क्षेत्र की रूपरेखा के अनुसार स्थानीय नियंत्रण की शुरू किया जाना चाहिए।
जिला स्तर पर नाइट कर्फ्यू जैसे उपाय लागू किए जाएं- भूषण
भूषण ने कहा कि जिन इलाकों में संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक है और अस्पतालों के 60 प्रतिशत सामान्य तथा ICU बेड कोरोना संक्रमितों से भरे हों तो जिला स्तर पर नाइट कर्फ्यू जैसे सख्त कदम उठाने चाहिए। इसी तरह भीड़ पर प्रतिबंध (सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, त्योहार संबंधी) शादियों और अंतिम संस्कार में लोगों की मौजूदगी की सीमा तय करने संबंधी रणनीतिक कदम उठाए जाने चाहिए।
स्वास्थ्य सचिव ने ये भी दिए सुझाव
भूषण ने कहा कि जांच एवं निगरानी, इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और श्वसन संबंधी बीमारी की जांच और RT-PCR टेस्ट किया जाना बहुत जरूरी है। इसी तरह कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराने के लिए राज्य स्तर पर नियमित तौर पर कदम उठाए जाने की भी जरूरत है। उन्होंने सभी राज्यों को कोरोना महामारी के संबंध में नियमित रूप से समीक्षा करने और प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष रणनीति बनाने का भी सुझाव दिया है।
भारत में 33 हुई ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या
इधर, भारत में धीरे-धीरे ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार रात को महाराष्ट्र में साढ़े तीन वर्षीय बच्ची समेत सात लोगों के इससे संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इनमें चार मामले पुणे जिले से हैं। इसी तरह शनिवार को दिल्ली में तंजानिया से लौटे 37 वर्षीय व्यक्ति को भी इससे संक्रमित पाया गया है। इसके साथ ही देश में इसके संक्रमितों की कुल संख्या 33 हो गई है। सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में 17 हैं।
सभी संक्रमितों में हैं मामूली लक्षण- मिश्रा
सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के पूर्व निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या 33 होने के बाद भी राहत की बात यह है कि इन सभी में बहुत ही हल्के लक्षण हैं। ऐसे में यह संक्रमण डेल्टा वेरिएंट जितना गंभीर नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन की कम गंभीरता का कारण देश की 70-80 प्रतिशत आबादी में डेल्टा के खिलाफ मिली एंटीबॉडी है। यह बड़ी राहत है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 7,992 नए मामले सामने आए और 393 मरीजों की मौत दर्ज हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,46,82,736 हो गई है। इनमें से 4,75,128 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 93,277 रह गई है। देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के भी 32 मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र में एक तीन वर्षीय बच्चे को भी इससे संक्रमित पाया गया है।