केरल: नोरो वायरस ने फिर दी दस्तक, दो बच्चों को पाया गया संक्रमित

बढ़ते कोरोना संकट के बीच केरल में एक बार फिर नोरो वायरस ने दस्तक दी है। राजधानी तिरुवनंतपुरम के विझिंजम इलाके में दो बच्चों को इस वायरस से संक्रमित पाया गया है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि संक्रमित मरीजों की सेहत स्थिर बनी हुई है। डरने की कोई जरूरत नहीं है और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है। बता दें, पिछले साल नवंबर में केरल में नोरो वायरस का मामला सामने आया था।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, नोरो एक बेहद संक्रामक वायरस होता है, जिससे संक्रमित व्यक्ति को उल्टी और डायरिया हो जाता है। इसे 'विंटर वॉमिटिंग बग' के नाम से भी जाना जाता है। नोरो कई प्रकार के वायरसों से फैलता है, इसलिए एक बार संक्रमित हुआ व्यक्ति दोबारा भी संक्रमित हो सकता है। इससे संक्रमित व्यक्ति वायरस के लाखों तत्व छोड़ सकता है, जिनमें से कुछ संपर्क में आए लोगों को बीमार कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विझिंजम इलाके में स्थित एक स्कूल के बच्चों ने फूड प्वाइजनिंग और डायरिया की शिकायत की थी। इसके बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के सैंपल लिए। जांच में दो बच्चों के नोरो वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसकी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री जॉर्ज ने बताया कि दो बच्चे संक्रमित पाए गए हैं और उनकी सेहत स्थिर बनी हुई है। इलाके में अब ऐहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
बीते साल नवंबर में वायनाड जिले के विथिरी के पास स्थित एक पशु चिकित्सा कॉलेज के 13 छात्रों में दुर्लभ नोरो वायरस संक्रमण जैसे लक्षण सामने आए थे। इनके सैंपलों की जांच करवाने पर एक छात्रा को नोरो वायरस से संक्रमित पाया गया था।
संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने पर नोरो वायरस स्वस्थ लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। संक्रमित खाना और पानी के सेवन से भी व्यक्ति बीमार हो सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति संक्रमित सतह को छूने के बाद बिना हाथ धोए मुंह को छूता है तो भी यह वायरस अंदर जाकर बीमार कर सकता है। मोटे तौर पर कहा जाये तो यह कोरोना वायरस समेत दूसरे वायरसों की तरह ही फैलता है।
उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और सूजन, बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द नोरो वायरस के लक्षण माने जाते हैं। आमतौर पर संक्रमण के 12-48 घंटों में ये लक्षण नजर आ जाते हैं, जो 1-3 दिनों तक जारी रहते हैं। अगर इलाज की बात करें तो अभी तक इसकी कोई दवा नहीं आई है। जानकारों का कहना है पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन उल्टी और दस्त से हुए नुकसान की भरपाई कर सकता है।
पर्याप्त सफाई रखकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। समय-समय पर हाथ धोते रहने से इस वायरस को दूर रखा जा सकता है। जानकारों का कहना है कि खाना बनाने, परोसने और खाने से पहले हाथ धोने जरूरी है।