माइंडफुलनेस मेडिटेशन के जरिए आप कम कर सकते हैं शरीर का दर्द, अध्ययन में हुआ खुलासा
आधुनिकता की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग कामकाज में व्यस्त रहते हैं और सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में शरीर के कई अंगों में दर्द होने लगता है और लोग आसानी से बीमार पड़ जाते हैं। हालांकि, रोजाना कुछ मिनट ध्यान लगाने से आप अपने स्वास्थ्य को दुरुस्त रख सकते हैं। एक नए अध्ययन के जरिए यह पता लगा है कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन यानि ध्यान लगाने से शरीर में होने वाले दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है।
आइए जानते हैं क्या होता है माइंडफुलनेस मेडिटेशन
माइंडफुलनेस मेडिटेशन ध्यान लगाने का एक तरीका है, जिसके दौरान लोग अपने मन को शांत करने की कोशिश करते हैं। यह एक तरह का मानसिक प्रशिक्षण अभ्यास है, जो आपके नकारात्मक विचारों को दूर करता है और खुशी की भावना को बढ़ाता है। इस अभ्यास की मदद से आप अपने मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी सुधार सकते हैं। इसके दौरान आप अपने आज पर ध्यान केंद्रित करते हैं और लंबी सांसें लेते हैं।
अमेरिका में किया गया था यह अध्ययन
इस अध्ययन को बायोलॉजिकल साइकाइट्री नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। यह शोध अमेरिका के मनोवैज्ञानिक संघ (APA) द्वारा किया गया था। इस अध्ययन में खुलासा हुआ है कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन के जरिए लोगों को दर्द से छुटकारा मिल सकता है। शोध के दौरान माइंडफुलनेस और शरीर के दर्द के अनुभव के बीच संबंध पहचानने के लिए MRI स्कैन का सहारा लिया गया। इसमें कुल 115 लोगों ने भाग लिया, जिनके हाथों पर एक गर्म चीज लगाई गई थी।
शोध के जरिए हुआ यह खुलासा
शोध के दौरान कुछ लोगों ने माइंडफुलनेस मेडिटेशन किया, वहीं कुछ लोग इस ध्यान अभ्यास में शामिल नहीं हुए। इसके बाद सभी प्रतिभागियों से उनके दर्द का मूल्यांकन करने के लिए कहा गया। इससे यह सामने आया कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन का अभ्यास करने वाले प्रतिभागियों को उन लोगों की तुलना में कम दर्द महसूस हुआ, जिन्होनें यह अभ्यास नहीं किया था। आप मन को शांति पहुंचाने के लिए इस तरह से माइंडफुलनेस मेडिटेशन कर सकते हैं।
माइंडफुलनेस मेडिटेशन के जरिए मिलते हैं कई लाभ
APA के मुताबिक, माइंडफुलनेस का मतलब होता है वर्तमान क्षण में पूरी तरह से उपस्थित रहना और अपने विचारों, भावनाओं और शारीरिक संवेदनाओं को बिना किसी निर्णय के स्वीकार करना। इस शोध से पता चला है कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को कम करता है, संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करता है और सामाजिक संबंधों को बढ़ा सकता है। इस अभ्यास के जरिए चिंता, तनाव और जलन की भावना से भी बचा जा सकता है।