#NewsBytesExplainer: इस्माइल हानिया की हत्या से मध्य-पूर्व में कैसे बढ़ेगा तनाव, भारत पर क्या असर होगा?
क्या है खबर?
हमास की राजनीतिक ईकाई के मुखिया इस्माइल हानिया की एक मिसाइल हमले में हत्या कर दी गई है।
वे ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान आए हुए थे। ईरान ने इस हमले का आरोप इजरायल पर लगाया है और बदला लेने की कसम खाई है। इससे पहले से ही युद्धग्रस्त मध्य-पूर्व में तनाव और बढ़ने की आशंकाएं हैं।
आइए जानते हैं कि इसका भारत पर क्या असर हो सकता है।
तनाव
मध्य-पूर्व में क्यों बढ़ सकता है तनाव?
हानिया की हत्या को 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है।
हानिया न सिर्फ हमास के राजनीतिक प्रमुख थे, बल्कि हमास का प्रतिनिधि चेहरा थे और युद्धविराम के लिए बातचीत भी कर रहे थे। यानी हमास और ईरान का इस घटना से नाराज होना तय है और दोनों बदला लेने की बात भी कह चुके हैं।
ऐसे में तय है कि मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ सकता है।
ईरान
ईरान में हत्या होने से भी बिगड़ेंगे समीकरण
हानिया की हत्या ईरान में होना एक बड़ा घटनाक्रम है। हानिया कतर में रहते थे और यहीं से हमास का कामकाज संभालते थे।
वे ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे। इस दौरान वे सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खमेनेई से भी मिले थे।
घटना से संकेत जा रहा है कि कतर में रहते हुए हानिया सुरक्षित थे, लेकिन ईरान में नेता सुरक्षित नहीं हैं। इससे पहले भी कई बड़े लोगों पर ईरान में हमले हुए हैं।
बदला
ईरान पर बढ़ेगा बदला लेने का दबाव
ईरान और हमास से अब हानिया की हत्या का बदला लेने की मांग होगी।
इससे राष्ट्रपति पेजेश्कियान पर कार्रवाई करने का दबाव बढ़ेगा। पेजेश्कियान की छवि उदारवादी मानी जाती है और वे चुनावों में पश्चिमी देशों के साथ संबंध पुनर्स्थापित करने का वादा कर चुके हैं।
हालांकि, अब हानिया की हत्या के बाद पेजेश्कियान को अपने इस वादे पर कुछ काम शुरू करने से पहले खमेनेई के साथ-साथ दूसरे संगठनों की भी सुननी होगी।
युद्धविराम
गाजा में युद्ध विराम की उम्मीदों पर फिरा पानी
इजरायल-हमास युद्धविराम के लिए हानिया ही चर्चा का बड़ा चेहरा थे। अब उनकी हत्या से न सिर्फ वार्ता रुक सकती है, बल्कि युद्ध के भी और भड़कने की आशंका है।
जानकार इस घटनाक्रम को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के संभावित फायदे के तौर पर देख रहे हैं। माना जा रहा है कि नेतन्याहू के लिए ये जीवनदान की तरह है और इससे उन्होंने अपने आलोचकों को जवाब दिया है।
भारत
भारत पर क्या हो सकता है असर?
मध्य-पूर्व में लगभग 90 लाख भारतीय काम करते हैं। ऐसे में ये भारत के लिए संवेदनशील मसला है।
दूसरी ओर, यहां से भारत अपनी कुल जरूरत का दो-तिहाई कच्चा तेल आयात करता है। ऐसे में मध्य-पूर्व में उथल-पुछल का सीधा असर भारत पर पड़ना तय है।
हालांकि, भारत ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हमास के प्रति भारत का कोई सकारात्मक रुख नहीं है, लेकिन विदेशी धरती पर हत्या हुई है, इसलिए भी मामला पेचीदा है।
चयन
भारत के लिए किसी एक को चुनना मुश्किल
7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले को भारत ने आतंकी हमला कहा था। भारत के इजरायल के साथ भी मजबूत सैन्य और कारोबारी संबंध हैं।
रणनीतिक तौर पर ईरान भी भारत के लिए काफी अहम है। हाल ही में ईरान ने चाबहार बंदरगाह का प्रबंधन भारत को 10 साल के लिए दिया है। इस पोर्ट के जरिए भारत की अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधी पहुंच होगी।
ऐसे में भारत के लिए किसी एक को चुनना काफी मुश्किल है।