मध्य-पूर्व में तनाव के चलते 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा कच्चा तेल
क्या है खबर?
मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव और आपूर्ति संबंधी परेशानियों के कारण कच्चे तेल के दाम 5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गये हैं।
सोमवार को 0.9 फीसदी की गिरावट के साथ बंद होने के बाद ब्रेंट क्रूड वायदा 90 डॉलर (7,489 रुपये) प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गया, जबकि WTI 87 डॉलर (7,239) से नीचे था।
कच्चे तेल में यह उतार-चढ़ाव पिछले सप्ताह सीरिया में वाणिज्य दूतावास पर हुए इजरायली हमले पर ईरान की प्रतिक्रिया से हो रहा है।
तेजी के आसार
100 डॉलर तक पहुंच सकता है भाव
कुछ बाजार पर्यवेक्षक कच्चे तेल के दाम फिर से 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने का दावा कर रहे हैं। इसकी वजह ओपेक+ की तरफ से अपने उत्पादन में जारी कटौती है।
बीते शुक्रवार को 2019 के बाद से ब्रेंट के लिए बुलिश कॉल ऑप्शन की सबसे ज्यादा खरीदारी देखने को मिल रही है, जो तेल की कीमतें बढ़ने पर लाभ देता है।
मनी मैनेजर भी वैश्विक बेंचमार्क पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
भारत में असर
भारत में क्या पड़ा है असर?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आ रहे उतार-चढ़ाव का भारतीय बाजार में कोई असर नहीं पड़ा है। देश में राष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
हालांकि, कुछ राज्यों में VAT में बदलाव के कारण मामूली उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन महानगरों में कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
बता दें, देश में 14 मार्च को प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपये की कटौती की गई थी।