
सोने या FD में से किसमें करें निवेश? तुलना से समझिये
क्या है खबर?
वित्तीय सुरक्षा और बेहतर रिटर्न की तलाश में अक्सर निवेशक अगल-अलग विकल्प तलाश करते हैं। कई बार वे इनमें से किसी एक विकल्प को चुनने को लेकर संशय में रहते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और सोने में से किसी एक को चुनने में भी ऐसी ही समस्या आ सकती है। अगर, आप भी इसी दुविधा में फंसे हुए हैं तो हम आपको बताते हैं कि दोनों विकल्पों में से आपके लिए सही कौनसा है।
FD
क्या होता है फिक्स्ड डिपॉजिट?
फिक्स्ड डिपॉजिट एक ऐसा निवेश विकल्प है, जिसमें आप अपनी रकम तय समय के लिए निश्चित ब्याज दर पर जमा करते हैं। जब इसकी अवधि पूरी हो जाती है, तो आपको मूलधन के साथ तय ब्याज एकमुश्त मिलता है। आप ब्याज को मासिक, तिमाही या FD की परिपक्वता पर भी प्राप्त कर सकते हैं। इसको सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, क्योंकि यह बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होता और तय रिटर्न देता है।
सोने में निवेश
क्या है सोने में निवेश का विकल्प?
सोने में निवेश को भी अच्छा विकल्प माना जाता है। अक्सर लोग दिवाली, धनतेरस या अक्षय तृतीया जैसे अवसरों पर सोना खरीदते हैं, जिसे शुभ माना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सोने में निवेश न सिर्फ अच्छा रिटर्न की संभावना देता है, बल्कि आपके निवेश पोर्टफोलियो के जोखिम को भी संतुलित करता है। वर्तमान समय में सोने में निवेश के कई विकल्प- गोल्ड फंड्स, फंड ऑफ फंड्स, गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स और गोल्ड बॉन्ड्स आदि उपलब्ध हैं।
अंतर
दोनों में कैसा है जोखिम का स्तर?
रिटर्न: सोना लंबी अवधि में अधिक रिटर्न देने वाला निवेश विकल्प रहा है, खासतौर पर जब मुद्रास्फीति बढ़ रही हो। दूसरी तरफ FD में रिटर्न निश्चित और पूर्वनिर्धारित होता है, जो निवेश के समय तय किया जाता है। जोखिम: सोने की कीमतें कम अवधि में ऊपर-नीचे हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में स्थिर और भरोसेमंद रिटर्न देता है। इसके विपरीत FD में कोई बाजार जोखिम नहीं होता। रिटर्न पूरी तरह से सुरक्षित होता है।
लोन
किस विकल्प में मिलती है लोन की सुविधा?
लोन की सुविधा: दोनों ही विकल्पों पर कुल मूल्य का लगभग 80 फीसदी तक लोन हासिल कर सकते हैं। तरलता: सोना अत्यधिक लिक्विड निवेश माना जाता है। आप इसे गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे कई तरीकों से खरीद सकते हैं। FD में लिक्विडिटी पूर्वनिर्धारित शर्तों के साथ होती है। निवेश की अवधि: सोने में निवेश की कोई तय अवधि नहीं होती, जबकि FD की अवधि 10 साल तक होती है।
चयन
दोनों में किसका करें चुनाव?
टैक्स व्यवस्था: गोल्ड निवेश से मिलने वाला लाभ कैपिटल गेन्स टैक्स के तहत आता है। FD से मिलने वाला ब्याज टैक्स योग्य होता है। आय: सोना नियमित आय नहीं देता, जबकि FD पर ब्याज आय का स्रोत बन सकता है। दोनों ही कम जोखिम, निश्चित रिटर्न देने वाले विकल्प हैं। अच्छा रिटर्न और टैक्स बचाने के लिए सोने में निवेश कर सकते हैं। FD में कम लेकिन स्थिर रिटर्न के साथ नकदी की जरूरतों, वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार निवेश करें।