#NewsBytesExplainer: क्या है G-7 सम्मेलन जिसमें हिस्सा लेंगे प्रधानमंत्री मोदी, किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 15 जून तक होने वाले 50वें G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज इटली रवाना होंगे। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है।
इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। सम्मेलन में अमेरिका, फ्रांस, जापान, कनाडा समेत कई देश शामिल होंगे।
आइए सम्मेलन से जुड़ी सभी बातें जानते हैं।
G-7
सबसे पहले जानिए क्या है G-7
G-7 यानी ग्रुप ऑफ सेवन। ये दुनिया के 7 सबसे विकसित और अमीर देशों का समूह है।
वर्तमान में इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। भारत इसका हिस्सा नहीं है।
G-7 बनने की शुरुआत 1973 में हुई थी। शुरुआत में समूह में 6 देश थे। 1976 में इसमें कनाडा शामिल हुआ और समूह G-7 बन गया।
इसके बाद इसमें रूस शामिल हुआ और समूह G-8 बन गया, लेकिन रूस 2014 में इससे अलग हो गया।
मुद्दे
सम्मेलन में किन प्रमुख मुद्दों पर होगी चर्चा?
सम्मेलन में हिंद-प्रशांत और आर्थिक सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण, ऊर्जा, शरणार्थी समस्या, अफ्रीका, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मध्य-पूर्व और रूस-यूक्रेन युद्ध और दूसरी वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा होगी।
संभावना है कि मध्य-पूर्व और रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा सम्मेलन में हावी रह सकता है।
आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, सम्मेलन में 6 प्रमुख सत्रों में वैश्विक चुनौतियों पर बातचीत की जाएगी।
सम्मेलन में पोप फ्रांसिस भी हिस्सा लेंगे, जो इतिहास में पहली बार हो रहा है।
नेता
कौन-कौन हो रहा है शामिल?
सम्मेलन में समूह में शामिल देशों से अलग देशों के प्रतिनिधियों को भी न्योता भेजा जाता है।
इस बार सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की शामिल होंगे।
इसके अलावा भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, मिस्र, केन्या, मॉरिटानिया, सऊदी अरब और ट्यूनीशिया को भी न्योता भेजा गया है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) और यूरोपीय संघ (EU) जैसे संगठन भी हिस्सा लेंगे।
जो बाइडन
जो बाइडन से मिलेंगे प्रधानमंत्री मोदी
सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। संभावना है कि वे बाइडन से मिल सकते हैं।
मोदी ने पिछले साल जून में अमेरिका की यात्रा की थी। तब दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए थे। हालांकि, हाल ही में दोनों देशों के बीच छुटपुट मतभेद हुए हैं।
भारत में चुनावों से पहले लोकतंत्र में अमेरिकी अधिकारियों की टिप्पणी और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर संबंधों में मामूली तनाव है।
ट्रूडो
जस्टिन ट्रूडो से भी मिल सकते हैं मोदी
मोदी की कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो से भी मुलाकात हो सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी कुछ आधिकारिक जानकारी नहीं है।
खालिस्तान मुद्दे को लेकर भारत-कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। कनाडा ने भारत पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है।
इस मुद्दे पर दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निकाल दिया था। हाल ही में कनाडा ने भारत को 'दूसरा सबसे बड़ा विदेशी खतरा' बताया था।
भारत
भारत ने कब-कब लिया सम्मेलन में हिस्सा?
भारत ने अब तक 10 G-7 शिखर सम्मेलन आउटरीच सत्र में हिस्सा लिया है। इससे पहले 9 बार बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और मोदी G-7 की बैठक में शामिल हो चुके हैं।
2019 में फ्रांस में प्रधानमंत्री मोदी सम्मेलन में शामिल हुए थे। 2021 में ब्रिटेन में सम्मेलन आयोजित हुआ था, तब प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। 2022 और 2023 में प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में हिस्सा लिया था।